भिलाई। अब तो जिमीकांदा खरीदने-बेचने के नाम पर भी लोगों को चूना लगाया जा रहा है। ताजा मामला दुर्ग जिले का है। दुर्ग निगम के पूर्व पार्षद ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनसे पैसे लेने के बावजूद जिमीकांदा नहीं दिया गया है।
दुर्ग निगम के पूर्व पार्षद देवकुमार जंघेल से यह ठगी हुई है। कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद जंघेल की शिकायत पर दुर्ग पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर लिया है। शिकायत पर पुलिस ने धारा 420, 406 के तहत जुर्म दर्ज किया है।
दुर्ग कोतवाली पुलिस ने बताया कि रायपुर नाका दुर्ग निवासी देव कुमार जंघेल ने शिकायत दर्ज कराई है कि 25 सितंबर 2018 को मुरमुंदा जिला दुर्ग के रहने वाले लिखेश्वर साहू ने 9 रुपए प्रति किलो की दर से 89 टन जिमीकंद विक्रय करने के लिए बिक्रीनामा तैयार कर किया था। अग्रिम भुगतान के रुप में 7 लाख रुपए भी लिया।
15 मार्च 2019 को जिमीकंद प्रदान करने के बाद पीड़ित को विश्वास में लेकर छलकपट पूर्वक जिमीकंद की आपूर्ति न कर बिक्रीनामा की शर्तो का उल्लंघन किया। एफआईआर में इस बात का भी उल्लेख है कि आज तक अमानत राशि 7 लाख रुपवए लिखेश्वर साहू ने नहीं लौटाया।
जिसकी लिखित शिकायत पुलिस में की गई। जिमीकंद पूरा प्राप्त करने के बाद देव कुमार जंघेल से 1 लाख रुपए मार्च 2019 को लिखेश्वर साहू को लेना था। लेकिन बिक्रीनामा की शर्तों के अनुसार लिखेश्वर ने किसी कारणवश यदि वह जिमीकंद की आपूर्ति नहीं करता है तो वह अग्रिम प्राप्त राशि 7 लाख रुपए को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के अदा करेगा।
मगर बिक्री इकरारनामा के शर्तों के पालन लिखेश्वर साहू नहीं किया। पीड़ित को जिमीकंद आपूर्ति नहीं कर पाया। रुपये लौटाने को लेकर लिखेश्वर टाल-मटोल करता रहा। इसके बाद लिखेश्वर साहू ने 21 फरवरी 2021 पीड़ित को रुपए लौटने के लिए तीन चेक दिया था। जिसे 22 फरवरी को पंजाब नेशनल बैंक शाखा स्टेशन रोड दुर्ग में पेश करने पर खाता में रकम नही होना पाया। देव कुमार जंघेल दुर्ग निगम का पूर्व पार्षद रहा है।