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छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र: बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रश्नकाल में हंगामा… शराबबंदी करना होगा! सदन में विपक्ष ने लगाये नारे… पढ़िए पूरी खबर

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र: बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रश्नकाल में हंगामा… शराबबंदी करना होगा! सदन में विपक्ष ने लगाये नारे… पढ़िए पूरी खबर

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही है। विपक्ष ने प्रश्नोत्तर काल के दौरान हंगामा किया। विपक्ष ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा। बेरोजगारी के आंकड़ों में अंतर को लेकर विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछे। रोजगार के विज्ञापन और दिए गए रोजगार के आंकड़ों में अंतर को लेकर कई सवाल दागे।

बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष ने घेरा
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने एक के बाद एक रोजगार को लेकर सवाल पूछा। उन्होंने सवाल किया कि रोजगार कार्यालय पंजीयन के क्या मापदंड हैं। क्या मैं भी रोजगार कार्यालय में पंजीयन करा सकता हूं। मंत्री उमेश पटेल ने जवाब दिया कि रोजगार कार्यालय पंजीयन में कोई भी पंजीयन करा सकता है। 3 साल बाद बाद पंजीयन स्वतः समाप्त हो जाता है। उमेश पटेल ने अजय चंद्राकर को रोजगार कार्यालय में पंजीयन न कराने की भी सलाह दी। लगभग आधे घंटे तक बेरोजगारी के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ।

मंत्री उमेश पटेल ने चंद्राकर को दी सलाह: मंत्री उमेश पटेल ने अजय चंद्राकर से यह भी कहा कि आप विधायक हैं इसलिए पंजीयन ना कराएं, लोगों के बीच अच्छा संदेश नहीं जाएगा।

प्रश्नकाल में हंगामा
अजय चंद्राकर ने पूछा कि रोजगार पंजीयन कार्यालयों में कितने शिक्षित पंजीकृत नए रोजगार चाहने वाले और रोजगार बदलने वालों ने पंजीयन कराया है। चंद्राकर ने यह भी सवाल कि जब 22 हजार लोगों को रोजगार देने का विज्ञापन दिया तो 33 हजार लोगों की भर्ती कैसे हो गई? नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सरकार 10 लाख लोगों को रोजगार देने के होर्डिंग लगा रही है, लेकिन कितने बेरोजगार पंजीकृत हैं, इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है। मंत्री उमेश पटेल के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने नारेबाजी भी की।

विपक्ष ने किया वॉकआउट
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने सदन में बताया कि प्रदेश में 1 लाख 72 हजार 553 ने बेरोजगारों ने पंजीयन कराया है. 20 जून 2023 की स्थिति में 1 लाख 14 हजार 764 युवा इसके पात्र हैं और 33559 अपात्र। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि बिना किसी को नौकरी दिए 33 हजार 659 अपात्र हो गए। जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बेरोजगारी का मापदंड रोज बदला जा रहा है। इस दौरान सदन में भाजपा और कांग्रेस के विधायकों में बहस हुई, जिसके बाद बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

इस दौरान शराब को लेकर सदन में आज सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंकझोंक हुई। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा – विशेष आबकारी शुल्क में कितने का कलेक्शन हुआ ? गौठान, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए कलेक्शन की राशि का कितना रुपया विभागो को भेजा गया है? जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने बताया – 1059 करोड़ गौठान में गया है, शिक्षा विभाग में 558 करोड़ दिया गया है।

विपक्ष का आरोप पैसे विभागों में नहीं दिए गए और उसका दुरुपयोग किया गया है। शिवरतन ने पूछा कि शराब बंदी के लिए 3 समितियों के गठन का कार्यकाल कितने समय के लिए निर्धारित किया था, कितना समय बढ़ाया गया और कब कब रिपोर्ट सौंपी गई? जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि कमेटी में भाजपा से सदस्यों के नाम मांगे गये थे, लेकिन उन्होंने नहीं दिया, जिसकी वजह से देरी हुई है।

मंत्री के जवाब पर धरमलाल कौशिक ने कहा कि आपने जब गंगा जल लेकर शराबबंदी करने की कसम खाई थी तब भाजपा से पूछा था क्या? जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोंकझोंक शुरू हो गयी। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक हंगामा कर रहे हैं, शराब बंदी का नारा लगाना शुरू कर दिया।


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