भिलाई में FIR के बाद पार्षद की बर्खास्तगी पर लटकी तलवार: निगम के अधिकारियों ने मेयर और कमिश्नर से की मुलाकात…अब बर्खास्तगी के लिए कमिश्नर लिख सकते हैं लेटर

भिलाई। वार्ड-1 जुनवानी-खम्हरिया के पार्षद योगेश साहू की मुश्किलें बढ़ गई है। पार्षद योगेश साहू के ऊपर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। पार्षद को बर्खास्त करने की मांग आज नगर निगम भिलाई के अधिकारी-कर्मचारी संघ के लोगों ने की है।

उन्होंने इस संबंध में मेयर नीरज पाल और कमिश्नर लोकेश चंद्राकर से मुलाकात की है। अब एफआईआर के बाद स्वत: कमिश्नर इसकी जानकारी दुर्ग संभागायुक्त को देंगे।

माना जा रहा है कि किसी भी सदस्य के खिलाफ एफआईआर होती है तो बर्खास्तगी के लिए पत्र कमिश्नर की ओर से जाता है। वो पत्र संभवत: मंगलवार को कमिश्नर लोकेश लिख सकते हैं।

अगर पत्र लिखते हैं और स्वीकार कर लिया जाता है तो पार्षद योगेश साहू को अपनी पार्षदी छोड़नी होगी। फिलहाल इस मामले में अभी पत्र लिखा नहीं गया है। पत्र लिखने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

आज क्या-कुछ हुआ…
नगर निगम भिलाई के कर्मचारी संघ के सदस्यों व निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने निगम आयुक्त व मेयर से मुलाकात की। उन्होंने सौंपे अपने पत्र में कहा है कि, आलोक पशीने के साथ किये गये दुर्व्यवहार, गाली गलौच एवं शासकीय कार्य में बाधा के फलस्वरूप थाना सुपेला में किये गये एफ.आई.आर. पर तत्काल कार्यवाही की जाए। इसके लिए पुलिस अधीक्षक दुर्ग को पत्र प्रेषित किये जाने हेतु कर्मचारी संघ आपसे पुरजोर माँग करता है।

नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 25 क (2) जिसमें पार्षदों के कर्त्तव्य का उल्लेख है। का संबंधित पार्षद द्वारा पालन नहीं किया जाकर अपने कर्त्तव्यों का उलंघन करते हुए सीधे अभियंता को कार्य स्थल पर बुलाकर गाली-गलौच, मारमीट करना सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा प्रतीत होता है।

अतः ऐसे पार्षद के विरूद्ध नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 19 के तहत् योगेश साहू को तत्काल बर्खास्त करने की कार्यवाही किये जाने की कर्मचारी संघ आपसे पुरजोर माँग करता है।

इस घटना को लेकर कर्मचारियों में घोर आक्रोश व्याप्त है। संबंधित पार्षद के विरुद्ध उपरोक्त मांगो अनुसार यदि कार्यवाही में विलंब होता है, तो कर्मचारी 24 घंटे की सूचना पर कभी भी आदोलन में जाने को बाध्य होंगे।