3 करोड़ की लागत से अपग्रेड होगा दुर्ग साइंस कॉलेज: छात्रों को मिलेंगी और बेहतर सुविधाएं, जिला प्रशासन करेगा मदद, कलेक्टर मीणा ने कॉलेज प्रबंधन की प्रशंसा की

दुर्ग। कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लाइब्रेरी व प्रयोगशालाएं देखी। लाइब्रेरी में प्रतिष्ठित संस्थानों के रिसर्च पेपर और किताबें उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही प्रयोगशालाओं के मेंटनेंस के लिए महाविद्यालय प्रबंधन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हम जिले में उत्कृष्ट स्वामी आत्मानंद मॉडल कॉलेज का निर्माण कर रहे हैं, जो पूर्णता की ओर है। कुछ ही दिनों मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के द्वारा शुभारंभ किया जाएगा। साथ ही साथ हमारा लक्ष्य है कि जिले के उन कॉलेजों को भी रिनोवेट करें, जिनका इतिहास में जिले के लिए योगदान रहा है। जहां पढ़ कर छात्रों ने देश-विदेश में अलग-अलग फील्ड में अपना नाम किया है।

यहां से राजनेता, वैज्ञानिक, अधिकारी बने हैं। पुराना होने के कारण यहाँ अधोसंरचना और उपकरणों को अपग्रेड करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि मैंने कॉलेज का प्रजेंटेशन देखा जिससे मुझे यहाँ की गतिविधियों और उपलब्धियों की बारे में पता चला। उन्होंने कालेज प्रबंधन से अति आवश्यक उपयोगी उपकरणों एवं संसाधनों की समीक्षा कर सूची माँगी है। जिसपर उन्होंने 3 करोड़ रुपये, जिला खनिज न्यास निधि से देने की बात कही।

प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह एवं वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अनुपमा अस्थाना ने महाविद्यालयीन गतिविधियों की जानकारी दी। इस दौरान कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने साइंस कॉलेज के इतिहास और विकास क्रम का प्रेजेंटेशन भी देखा। गौरतलब है कि सन् 1958 में इस महाविद्यालय की शुरुआत कला और विज्ञान संकाय के साथ मल्टी फैकेल्टी कॉलेज के तौर पर हुई थी। 1988 में यह स्वचालित हुआ। साल 2017 में एनएएसी द्वारा “ए प्लस” श्रेणी की मान्यता मिली। 2018 मैं ऑटोनॉमी को 2029-30 तक बढ़ाया गया। साइंस कॉलेज ने खेल, कला, विज्ञान व अन्य क्षेत्रों में देश व दुनिया में दुर्ग जिले का प्रतिनिधित्व किया है।

इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार ने भविष्य में देश के सर्वोच्च उत्कृष्ट महाविद्यालयों की सूची में शामिल होने के लिए अधोसंरचना, शोध उपकरण, ग्रंथालय तथा सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आवश्यक कमियों की जानकारी दी। उनसे प्रदेश के इस एकमात्र ए प्लस महाविद्यालय के उन्नयन हेतु आवश्यक लगभग 12 करोड़ राशि प्रदान करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य से कहा कि उपरोक्त राशि का उपयोग प्राथमिकता के आधार पर किया जाये। साथ ही उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि आने वाले समय में विभिन्न उद्योगों के सीएसआर मद से और प्रस्तावित राशि महाविद्यालय को प्रदान की जायेगी। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक उपस्थित रहें।