महादेव बुक आईडी का चैप्टर क्लोज होना तय: सौरभ चंद्राकर, राज गुप्ता समेत 6 लोगों की मुश्किलें बढ़ी: धोखाधड़ी समेत कई मामलों में FIR दर्ज, पूछताछ में कइयों के नाम आ रहे सामने, जिन-जिन नाम से बनी आईडी, सब आएंगे लपेटे में

यशवंत साहू@ भिलाई। महादेव बुक आईडी मामले में सौरभ चंद्राकर समेत 6 लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। दुर्ग पुलिस ने मोहन नगर और जामुल थाने में अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज किया है। इस बात की पुष्टि एडिशनल एसपी संजय ध्रुव ने की है। भिलाई टाइम्स को बताया कि, आज दुर्ग पुलिस को ऑनलाइन स‌ट्‌टा मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है।

पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया है। ये 6 लोग वो है जिनके नाम लगातार सामने आ रहे थे, जिन्हें मास्टरमाइंड बताया जा रहा था। अधिकारियों ने भिलाई टाइम्स को बताया कि, जामुल थाने में अपराध क्रमांक-144/2022 और मोहन नगर थाने में अपराध क्रमांक-112/2022 के मामलों में सौरभ समेत 6 के खिलाफ धारा-420, 120बी, 66डी आईडी एक्ट और 4 क जुआ एक्ट मामले में कायमी हुई है।

अब इन्हें पकड़ने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, ऑनलाइन सट्‌टा महादेव बुक आईडी के मास्टरमाइंड समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। ये केस उनके गुर्गों के मुंह खोलने के बाद दर्ज हुए।

दुर्ग पुलिस आईपीएल क्रिकेट सट्टा को लेकर महादेव आईडी में शामिल लोगों के बारे में पुलिस बीते माह भर से जांच में जुटी हुई थी। जिसे लेकर लगातार महादेव आईडी से जुडे आरोपियों को भिलाई-दुर्ग से पकड़कर कार्रवाई भी की गई थी।

पुलिस सूत्र ने बताया कि ब्लाक-ए मकान नंबर-3 वनांचल सिटी आम्रपाली जामुल निवासी चेतन जोशी और पुष्पक नगर आलोक सिंह राजपुत ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि महादेव आईडी के कर्ताधर्ता सौरभ, रवि उपल, गुर्गा राज गुप्ता, रुपेश जोशी, भूपेश जोशी और खुर्सीपार के पिंटू सोनी है।

इनके खिलाफ आरोपियों ने अहम सुराग पुलिस को मिले हैं। अब इसकी बदौलत पुलिस सायबर सेल की टीम इनके मोबाइल नंबर को खंगाल रही है। वहीं अभिषेक गौर समेत अन्य आरोपी भी महादेव आईडी से ऑनलाइन सट्टा खिलाने में शामिल है। इनके बारे में पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे है। उक्त सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने जुआ एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई किया गया है। मोहन नगर और जामुल थाने में सेम धाराएं लगाई गई है। बताया जा रहा है कि अब कई बड़े नाम के खुलासे होने वाले हैं।


अब तक खुलासे में क्या-कुछ सामने आया…यह भी जानिए
निवेशकों के साथ रायपुर और भिलाई के करीब 5 सराफा कारोबारी भी शामिल हैं। आकाशगंगा के एक सराफा कारोबारी हवाला के जरिए सट्‌टे के पैसे को हेरफेर कर रहा है। सूत्र मानते हैं कि सट्‌टे का पैसा गोल्ड में तब्दील होकर कोलकाता के रास्ते इंडिया तक पहुंचाया जा रहा है।

नेटवर्क का पूरा पैसा कमीशन पर उद्योगपतियों के खाते में जमा किया जाता है। इसके लिए उद्योगपतियों को 10 से 12 प्रतिशत तक का कमीशन भी मिलता है। इसका खुलासा उज्जैन में दर्ज केस के मामले की जांच के बाद सामने आया है। कारोबार का पैसा इंदौर के दो बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था।

पुलिस ने जांच में जितने भी बैंक अकाउंट नंबर सामने आए हैं, उनके सभी खाता मालिकों को नोटिस जारी किया है। भिलाई में सौरभ और रवि से जुड़े कुछ लोग सट्‌टे के पैसे से जगदलपुर और यूपी में जमीन खरीदने और पेट्रोल पंप खोलने में निवेश कर रहे हैं।

पुलिस के मुताबिक भिलाई के आकाशगंगा का एक सराफा कारोबारी द्वारा हवाला के जरिए करोड़ों रुपए का हेरफेर करने की आशंका है। इसके साथ निवेशकों को पैसा गोल्ड में तब्दील करके कोलकाता के रास्ते देश के अलग-अलग शहरों में पहुंचाया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक सराफा कारोबारियों ने बिजनेस पार्टनर बनने सट्‌टे का खेल शुरू होने के पहले करीब 150 करोड़ रुपए निवेश किए थे। आंध्रप्रदेश में भी बड़े उद्योगपतियों की तलाश कर रहे हैं। इसके अलावा आकाशगंगा में ही एक दुकान संचालक पर पुलिस की नजर है। दुकान संचालक के छोटे भाई के नाम पर आईडी जनरेट हुई थी। पुलिस की नजर उस पर भी बनी हुई है।

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