भिलाई। भिलाई से रायपुर के बीच बीती देर रात को फिर एक बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। जिसकी वजह से तय समय पर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार शुरू हो गया और मरीज की जान बच गई। यह सब संभव हुआ नगर निगम भिलाई के सीनियर पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा की एक पहल से।
#Bhilai में #green #corridor की वजह से बच गई 52 साल के प्रदीप श्रीवास की जिंदगी…#raipur के अस्पताल में किया गया रेफर, 45 मिनट में पहुंचा दिया अस्पताल, उपचार भी शुरू। पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा और @PoliceDurg ने की पहल@ChhattisgarhCMO @ipskabra @SarveshNBhure @DurgDist pic.twitter.com/jvGSa2bU8c
— BHILAI TIMES (@bhilai_times) June 1, 2022
दरअसल, खैरागढ़ के रहने वाले प्रदीप श्रीवास की तबीयत पिछले सप्ताह खराब हुई। बीते 7 दिनों से पल्स अस्पताल नेहरू नगर में उपचार चल रहा था। हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. जयराम अय्यर व उनकी टीम ने अपने देखरेख में बेहतर उपचार किया और दो स्टंट डालकर एंजियोग्रॉफी की। शुरू के दिनों में सुधार नजर आए लेकिन बाद में तकलीफ बढ़ने लगी।
बेहतर उपचार के लिए रायपुर के बड़े अस्पताल में रेफर करने का सुझाव दिया गया। तय समय में अस्पताल पहुंचाना था, ऐसे में डॉ. अय्यर ने सीनियर पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने बिना देरी किए रायपुर को-ऑर्डिनेशन कर एंबुलेंस मंगवाया।
इधर दुर्ग पुलिस के ट्रैफिक विभाग से संपर्क कर समन्वय बनाया। रात 9 बजे एंबुलेंस पहुंच गई और रात 9.45 बजे रायपुर के अस्पताल पहुंचा दी। इन सबमें बिल्कुल भी देरी नहीं हुई।
चूंकि, सुपेला से लेकर कुम्हारी तक रोड और फ्लाईओवरब्रिज का काम चल रहा है। ऐसे में ग्रीन कॉरिडोर की वजह से तय समय से पहले पहुंच गए। जिससे उपचार शुरू हो पाया और मरीज की जान बच गई।