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छत्तीसगढ़ विधानसभा ब्रेकिंग: सदन में पूर्व सीएम ने गोबर खरीदी और भुगतान की जिलेवार मांगी जानकारी… संविदा अधिकारी को वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार का मुद्दा भी उठा… ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में घोटाले की होगी जांच, जानिए विधानसभा में क्या कुछ हुआ

छत्तीसगढ़ विधानसभा ब्रेकिंग: सदन में पूर्व सीएम ने गोबर खरीदी और भुगतान की जिलेवार मांगी जानकारी… संविदा अधिकारी को वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार का मुद्दा भी उठा… ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में घोटाले की होगी जांच, जानिए विधानसभा में क्या कुछ हुआ

रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष ने उठाया गोधन न्याय योजना क्रय, विक्रय और भुगतान का मुद्दा उठाया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने यह प्रश्न लगाया था रमन सिंह की अनुपस्थिति में नेता-प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने यह सवाल पूछा। कितने का गोबर खरीदा गया ? कितनी राशि का भुगतान हुआ है ? जिलेवार जानकारी दीजिए ?

कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने दिया सवालों का जवाब देते हुए बताया कि 15 फरवरी तक 352522 विक्रेताओं से 10550682.51 की गोबर खरीदी गोठान समितियों से 15.63 लाख क्विंटल गोबर खरीदा गया है। इसके लिए 211 करोड़ का भुगतान किया गया है। राजनांदगांव का गोशाला शामिल है। महावीर गोशाला भी शामिल है जिसे 10 लाख से अधिक का भुगतान हो चुका है। भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहिले ने गाय-भैंसों के गोबर का आंकड़ा पूछा।

विधानसभा में संविदा पर नियुक्त अधिकारी को वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार दिये जाने का मुद्दा उठा। विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रश्नकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि क्या संविदा पर नियुक्त अधिकारियों को प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार दिया जा सकता है। अगर उन्हें दिया गया है तो क्या कार्रवाई की जायेगी।

जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि चार संविदा अधिकारी को वित्तीय अधिकार दिया गया था, लेकिन उनसे वो अधिकार वापस ले लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सदस्य अगर चाहेंगे तो आदेश की कॉपी उन्हें दे दंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। विभाग में कर्मचारियों व अधिकारियों की कमी है और ये बातें बृजमोहन अग्रवाल से छुपी नहीं है।

चौबे ने 400 सब इंजीनयिरों की नियुक्ति आरक्षम की वजह से नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण की वजह से नियुक्ति नहीं हो पायी है। मंत्री ने इस मामले में विपक्ष से सहयोग की मांग की। हालांकि प्रश्नकाल समाप्त हो जाने की वजह से इस मुद्दे पर ज्यादा लंबी चर्चा नहीं हो सकी।

आज प्रश्नकाल की शुरुआत में दिवंगत पूर्व सांसद सोहन पोटाई को श्रद्धांजलि दी गयी। संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, मोहन मरकाम, बृजमोहन अग्रवाल, शिशुपाल सोरी ने श्रद्धांजलि दी। सोहन पोटाई का निधन 9 मार्च को हो गया था। प्रश्नकाल में ग्रामीणी यांत्रिकी विभाग में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। मोहन मरकाम के करोड़ों के घोटाले के जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने राज्य स्तरीय कमेटी के साथ मामले की जांच कराने का आदेश दिया। 1 महीने में ये कमेटी जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट आते ही अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने DMF फंड की राशी में बंदरबांट का बड़ा आरोप लगाया है। मरकाम नेकहा – 7 करोड़ की राशी का हुआ है बंदरबांट हुआ है। मोहन मरकाम ने विभागीय अधिकारी के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की। जिसपर मंत्री ने कहा कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी।

RES को निर्माण कार्य के साथ सप्लाई का भी काम दिये जाने के मुद्दे पर मोहन मरकाम ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मरकाम ने कहा कि निर्माण एजेंसी को सप्लाई क्रय का अधिकार का दुरुपयोग किया गया है। करोड़ों इस मामले में मोहन मरकाम ने करोड़ों के घालमेल का आरोप लगाया। मोहन मरकाम ने आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति को सारी जिम्मेदारी क्यों दी जा रही है। मोहन मरकाम ने कहा कि एक अधिकारी को कितना प्रभार दिया गया है। जवाब में रविंद्र चौबे ने कहा कि एक्यूकेटिव इंजीनियर अरूण कुमार शर्मा दो दो प्रभार दिया गया है।मोहन मरकाम की बातों पर छूटते ही अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में कुछ भी हो सकता है।

अजय चंद्राकर ने कहा कि “भूपेश है तो भरोसा है। अजय चंद्राकर की बातों को सुनकर मंत्री रविंद्र चौबे ने अजय चंद्राकर को बधाई देते हुए कहा कि आपने कहा कि भूपेश है तो भरोसा है..इसके लिए आपको बधाई… पूरा प्रदेश भी यही कहता है कि भूपेश है तो भरोसा है।

आज शून्यकाल में भाजपा के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल ने राज्यपाल के भाषण से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हिंदी वितरित कॉपी और अंग्रेजी में पढ़े गए भाषण में अंतर होता है। विपक्ष ने मुख्य सचिव, संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार और अवमानना का नोटिस दिया है।

राज्यपाल के साथ किया गया धोखा
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि अब तक के इतिहास में यह पहली घटना है। आरक्षण के बारे में अंग्रेजी में एक लाइन और हिंदी में बढ़ा चढ़ा कर बनाई गई लाइन जोड़ी गई ​है। राज्यपाल के साथ धोखा किया गया। राज्यपाल के अभिभाषण का अपमान किया गया है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि मूल बात विधानसभा में गलत करने की कोशिशें हुई है। आज तक विधानसभा के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ। वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, विधानसभा का अपमान हुआ है, इससे बड़ा फ्रॉड नहीं हो सकता। फिर शोर शराबे की वजह से सभा की कार्यवाही दस मिनिट के लिए स्थगित कर दी गई।


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