थॉमस कप जीतकर भारत ने रचा इतिहास: थॉमस कप विजेता टीम से मिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कहा- आपने सात दशकों का इंतजार खत्म किया… बैडमिंटन की विश्वविजेता टीम के सितारे ने अपनी जीत समर्पित की भिलाई के अभय पांडेय को, देखें VIDEO

भिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थॉमस कप (Thomas Cup 2022) जीतकर इतिहास रचने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों से दिल्ली के अपने आधिकारिक आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात की है। इस दौरान सभी खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए।

इस मौके पर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) बोले कि सामने का प्रतियोगी कितना भी ताकतवर क्यों न हो। वह कौन है, उसका क्या रिकॉर्ड रहा है, इससे ज्यादा महत्तवपूर्ण आज के भारत के लिए अपने खुद का प्रदर्शन है। हमें जज्बा लेकर आगे बढ़ना है। उन्होंने बैडमिंटन टीम को बधाई देते हुए कहा कि आपने सात दशकों का इंतजार खत्म किया है और इसके लिए बहुत- बहुत बधाई।


आपको बता दे की भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने विश्व बैडमिंटन में सबसे प्रतिष्ठित थॉमस कप टीम फाइनल स्पर्धा जीतकर इतिहास रच दिया। भारत को यह जीत लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत, सात्विक साईंराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी और एचएस प्रणोय के शानदार प्रदर्शन के बल पर मिली।

इस टूर्नामेंट में सितारा खिलाड़ी बन कर उभरे एचएस प्रणोय ने अपने इस प्रदर्शन के लिए भिलाई के अभय पांडेय का आभार जताया है। उन्होंने अभय के अब तक के सहयोग व समर्थन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपनी जीत समर्पित की है। प्रणोय ने सोशल मीडिय पर खास तौर पर अभय पांडेय के लिए अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं।

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 73 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारतीय टीम इस प्रतियोगिता को जीतने में सफल रही है। भारत को चैंपियन बनाने में सभी नौ खिलाड़ियों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। लेकिन इनमें प्रणोय का प्रदर्शन बेहद सराहा गया। फाइनल में सर्वाधिक 14 बार की विजेता इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर भारत विजेता बना है। विश्व विजेता बन कर स्वदेश लौटी टीम का जगह-जगह अभिनंदन हो रहा है। इस बीच प्रणोय एचएस ने सोशल मीडिया पर अपने बेहतर प्रदर्शन को लेकर पोस्ट की है।

उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है-”मैं अभय पांडेय का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। मेरे प्रबल प्रोत्साहनकर्ताओं में से, जो पिछले एक साल से मुझे वित्तीय सहायता और व अन्य मदद प्रदान कर रहे हैं। मेरी योग्यता पर उनके नि:शर्त विश्वास पर मैं इस जीत को खुशी-खुशी समर्पित करता हूं।”

उल्लेखनीय है कि सेमीफाइनल में भारत को निर्णायक मुकाबला जिताने वाले 29 वर्षीय एचएस प्रणोय सिंगल्स प्रतियोगिता के सफल खिलाड़ी हैं। 2010 यूथ ओलंपिक गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। साउथ एशियन गेम्स 2016 में उन्होंने मेंस टीम का गोल्ड और सिंगल्स का सिल्वर जीता था। 2018 एशियन चैंपियनशिप में वह ब्रॉन्ज और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में मिक्स्ड टीम का गोल्ड जीत चुके हैं। सिंगल्स में उनका सर्वश्रेष्ठ रैंक आठ रहा है। उनके बेहतर खेल को देखते हुए देश आगे भी इतिहास रचने की उम्मीद कर रहा है।

यहां गौरतलब है कि अभय पांडेय पिछली बार मार्च 2019 में उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए आईआईटी बॉम्बे को 10 करोड़ रूपए दान में दिए थे। किसी पूर्व छात्र द्वारा आईआईटी बॉम्बे को दिया गया यह सर्वाधिक राशि का व्यक्तिगत दान था। इन दिनों मुंबई में अपनी वित्तीय फर्म चला रहे अभय ने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में सेवाएं दी है। अभय पांडेय भिलाई में पले-बढ़े हैं।

सेक्टर-8 में उनका निवास था। उनके पिता कमलेश्वर पांडेय यहां एचएससीएल में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। अभय की स्कूली शिक्षा ईएमएमएस सेक्टर-9 और उसके बाद बीएसपी सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर-10 से हुई है। यहां 1989 में 12 वीं के बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में बी टेक किया। इसके बाद उन्होंने आईआईएम कोलकाता से एमबीए की डिग्री ली और फिर कई प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियों में सेवा देते हुए अब मुंबई में अपनी वित्तीय फर्म ए-91 पार्टनर चला रहे हैं। अभय अपने व्यवसाय के अलावा परोपकारी कार्यों में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते रहते हैं।

इस्पात नगरी भिलाई में वंचित समुदाय के बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य कर रहे भिलाई एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट (बीईसीटी) में अभय पांडेय भी एक ट्रस्टी हैं। जिसे उन्होंने अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर बनाया है। उनका यह ट्रस्ट 2014 से भिलाई के मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति दे रहा है, वहीं खस्ताहाल स्कूलों की दशा सुधारने भी पहल कर रहा है।

इस ट्रस्ट में हांगकांग में बैंक ऑफ अमेरिका में मैनेजिंग डायरेक्टर राजकुमार सिंघल, वकालत में स्नातकोत्तर और वर्तमान में सिंगापुर में रह रहीं लेखिका जूही शुक्ला और भिलाई से मैत्री एजुकेशनल सोसाइटी के डायरेक्टर सजीव सुधाकरन शामिल हैं।

कभी फाइनल में नहीं पहुंचा था भारत
भारत ने इस तरह पूरे हफ्ते शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित टीम टूर्नामेंट का शानदार अंत किया जिसमें वह इससे पहले कभी फाइनल में नहीं पहुंचा था। भारतीय टीम 1979 से कभी थॉमस कप के सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई थी और यहां खिताबी जीत के दौरान उसने मलेशिया और डेनमार्क जैसी मजबूत टीम को हराया।

भारत को थॉमस कप जिताने में कप्तान किदांबी श्रीकांत, चिराग-सात्विक की जोड़ी और युवा शटलर लक्ष्य सेन का अहम योगदान रहा। इसके अलावा एचएस प्रणॉय ने भी मुश्किल समय में चोटिल होने के बावजूद जीत हासिल की और देश को चैंपियन बनाने में मदद की।

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