नेशनल डेस्क। होनी को कोई नहीं टाल सकता है. लिहाजा उसके सामने यूपी कैडर 1997 बैच के दबंग अफसर दीपक रतन भी हार गए. दबंग, हंसमुख, मिलनसार और मृदुभाषी दीपक रतन भी खुद को क्रूर काल का ग्रास बनने से महफूज नहीं रख सके, जिनकी बेहद धीमी आवाज को सुनने के लिए खाकी वर्दी और आमजन तरसा करते थे. भोपाल में जन्मे और ग्रेजुएशन में कंप्यूटर साइंस के छात्र रहे दीपक रतन से पहली नजर में उनसे मिलने पर, शायद जमाने में कोई नहीं पहचान पाता था कि यह कोई आईपीएस अफसर होंगे. वे दबंग आईपीएस अफसर, जिसकी खामोशी भी अपराधियों में खौफ पैदा कर देती थी.
इन दिनों वे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ में महानिरीक्षक के पद पर (डेप्यूटेशन) पर नियुक्त थे. सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से दीपक रतन का निधन हो गया. 50 साल के युवा और जोश से भरे-पूरे दीपक रतन ने दिल्ली के मैक्स अस्पताल (साकेत) में अंतिम सांस ली. उन्हें अचानक ही सीने में उठे दर्द के बाद अस्पताल ले जाया गया था. दीपक रतन के आकस्मिक निधन से यूपी पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी दो-दो महमकों को धक्का पहुंचा है.
भले ही दीपक रतन का वास्ता सीआरपीएफ महकमे से ज्यादा नहीं रहा था. वे यहां क्यों न कुछ साल की डेप्यूटेशन पर ही आए थे, लेकिन उन्होंने सीआरपीएफ में आला-अफसरान से लेकर हवलदार, सिपाही तक को अपनी मृदुभाषिता का मुरीद बना लिया था. यही वजह है कि आज अचानक उनके जाने से यूपी पुलिस जितनी व्यथित है, उससे कम गम में सीआरपीएफ भी नहीं है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि
ऐसे अपने बिरले आईपीएस के आकस्मिक निधन से भाव-विह्वल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक संवेदना व्यक्त की है. दीपक रतन की पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कामिनी चौहान इन दिनों केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार के पद पर नियुक्त हैं.
साल 2020 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले दीपक रतन वाराणसी, लखनऊ, गाजियाबाद सहित कई जगहों पर एसएसपी और आईजी रह चुके थे. भले ही दीपक रतन एक आईपीएस अधिकारी क्यों न रहे हों. मगर उनकी सोच, दिमाग किसी कंप्यूटर से भी तेज चलता था. शायद इसकी वजह उनका ग्रेजुएशन में कंप्यूटर साइंस का छात्र होना रहा हो.
छोटी सी उम्र और पुलिस की नौकरी में वे यूनाइडेट नेशन्स मेडल से लेकर राष्ट्रपति से वीरता पदक, यूपी के पुलिस महानिदेशक से गोल्ड कमेंडेशन डिस्क सहित और न मालूम कितने इनाम-इकराम अपनी काबिलियत के बलबूते हासिल कर चुके थे. मीडिया से बातचीत में यूपी के मौजूदा विशेष पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था आईपीएस प्रशांत कुमार ने कहा, “दीपक नाम से ही नहीं काम और कर्तव्यनिष्ठा से भी यूपी पुलिस की ज्योति थे. वे जहां तैनात रहते थे, वहां उस जिला या रेंज से राज्य पुलिस महानिदेशालय बेफिक्र हो जाता था, यह सोचकर कि दीपक हैं तो चिंता की कोई बात नहीं. सब संभाल लेंगे. आज जब दीपक नहीं हैं तो लगता है मानो न केवल यूपी पुलिस में अपितु, मेरे निजी जीवन में भी अंधेरा सा छा गया हो.”
यूपी पुलिस महमके के दीपक रतन किस कदर चहेते पुलिस अफसर थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दीपक रतन के स्वर्गवास की खबर मिलते ही यूपी राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से रात में ही दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के पुलिस आयुक्त 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय मिश्र को दिल्ली स्थित दीपक रतन के निवास पर भेजा गया था. ताकि यूपी पुलिस दीपक रतन को अपनी अंतिम श्रंद्धांजलि भेंट कर सके. उधर, दीपक रतन के आकस्मिक निधन के बाद यूपी पुलिस मुख्यालय लखनऊ में भी शोकसभा का आयोजन किया गया.
बात अगर दीपक रतन के यूपी पुलिस में अंतिम तैनाती की करें तो वे जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में प्रतिनियुक्ति पर गए तब, (अगस्त 2020) अलीगढ़ रेंज के महानिरीक्षक पद पर तैनात थे. 26 सितंबर साल 1973 को भोपाल (मध्य प्रदेश) में जन्मे अपने दबंग आईपीएस अफसर दीपक रतन के आकस्मिक निधन की सूचना यूपी पुलिस मुख्यालय ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल पर भी दी है. वे इन दिनों सीआरपीएफ में आईजी (एडमिन) नॉर्थ जोन सेक्टर के पद पर थे. उन्होंने 1997 बैच की ही आईएएस अधिकारी कामिनी चौहान से प्रेम-विवाह किया था.