Congress Convention: पहले दिन का मंथन खत्म, कांग्रेस ने जातिगत जनगणना की मांग रखी… बैठक में भूपेश सरकार के किसान न्याय योजना को सराहा गया… 2024 के घोषणा पत्र में करेगी शामिल

रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन के पहले दिन सब्जेक्ट्स कमेटी की बैठक में नेताओं ने उन 6 विषयों पर चर्चा की, जिन पर दो दिन चिंतन किया जाएगा। करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में छग सरकार के किसान न्याय योजना को सराहा गया। बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया कि कांग्रेस देशभर में किसान न्याय योजना लागू करेगी। साथ ही ये भी फैसला लिया गया कि सरकार बनने पर प्रति एकड़ राशि देगी। बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि 2024 घोषणा पत्र में भी इसे शामिल किया जायेगा। कांग्रेस की ओर से जातिगत जनगणना की मांग की जाएगी। नई शिक्षा नीति का विरोध किया जाएगा। साथ ही, पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के निजीकरण का भी पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा।

आज बैठक में कल चर्चा होने वाले अहम प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दी। राजनीतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय पर कल चर्चा होगी। वहीं केंद्र सरकार के खिलाफ मुद्दों की लड़ाई पर राजनीतिक प्रस्ताव भी कल प्रस्तुत किया जायेगा। सामाजिक उत्थान के लिए गरीबों को आर्थिक मदद का प्रस्ताव और निजी करण का विरोध होगा। अंतरराष्ट्रीय सीमा के मामलों में देश की नीति स्पष्ट करने प्रस्ताव लाया जायेगा।

आर्थिक प्रस्ताव के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया कि हम निजीकरण के खिलाफ हैं। मोदी सरकार के कार्यकाल में जो मुनाफे में चल रहे पब्लिक सेक्टर बेचे जा रहे हैं। सिर्फ एक या दो निजी कंपनियां ही खरीद रही हैं। दलित आदिवासी और कमजोर वर्ग के रोजगार के लिए महत्वपूर्ण पब्लिक सेक्टर के उद्योग लगाए गए थे, उसे बेचे जा रहे हैं। कृषि प्रस्ताव पर चर्चा में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम खेतिहर मजदूरों पर विशेष ध्यान रखें। युवा शिक्षा और रोजगार के प्रस्ताव पर कांग्रेस अध्यक्ष ने बुलंद आवाज में कहा कि कांग्रेस नागपुर एजुकेशन पॉलिसी 2020 के खिलाफ हैं। ये ध्रुवीकरण की नीति है। ध्रुवीकरण की पॉलिसी है. इसका हम विरोध करते रहेंगे।

सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के बारे में उन्होंने फिर से दोहराया कि जाति के आधार पर जनगणना होना अनिवार्य है। 1818 में पहली जनगणना हुई। इसके बाद हर 10 साल में जनगणना होती रही है। 1941 में नहीं हुई। इसके बाद हर 10 साल में जनगणना होती रही। तीन साल हो गए हैं, जनगणना की बात ही नहीं हो रही है। जाति के आधार पर जनगणना के बारे में प्रधानमंत्री चुप हैं। वैसे तो चीन, अडानी के मामले में भी चुप हैं। पार्टी के संविधान में जो संशोधन किए जाएंगे, उस पर भी बात हुई। इसके अंतर्गत 16 प्रावधानों और 32 नियमों में संशोधन प्रस्तावित है।

वहीं दिल्ली एयरपोर्ट में हुए बखेड़े के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने रायपुर पहुंचे पवन खेड़ा ने बड़ा बयान दिया है। खेड़ा ने कहा कि गुजरात मॉडल तो हमारे लिए कोई मॉडल नहीं। छत्तीसगढ़, राजस्थान का मॉडल हमारे लिए एक मॉडल है। एमपी में भी हम कुछ समय सरकार में रहे, यहां भी काम हुए लेकिन छत्तीसगढ़ माडल हमारे लिए शो-केस है। तो अगामी चुनाव में हम इसे ही दिखाएंगे। छत्तीसगढ़ में कई योजनाएं हैं जिसकी सराहना केंद्र सरकार ने की है। यह मॉडल हमारे लिए शो केस है।

इससे साथ ही पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि, आज एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल (कांग्रेस पार्टी) और राष्ट्र दोनो एक साथ बड़े हुए हैं। हमारा बोलना उस समय जरूरी हो जाता है जब विपक्ष और मीडिया की आवाज को दबाया जा रहा है। इंदिरा गांधी के वक्त हमें अमेरिका ने आंख दिखाने की कोशिश की थी। नेहरू ने भी लगातार अपनी लड़ाई लड़ी। आज बिना लड़े एक कमजोर केंद्र सरकार बड़ी सेना होने के बाद भी सीमा की रक्षा नहीं कर पा रही है। हम आज भी वह दिन नही भूल सकते जब देश के प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट दी थी कि देश में चीन की कोई सेना नहीं घुसी है। संघर्ष ऐसा भी होता है जिसमें प्लेन के दरवाजे तक खुलवा दिए जाते हैं। हम आवाज उठाते रहेंगे।

हमारा ऐतिहासिक राष्ट्रीय अधिवेशन है। हम अपनी अर्थव्यवस्था से पीछे नहीं हटेंगे। हम नही डरते, हम डरकर बैठने वालों में से नही हैं। हम निडर हैं इसलिए अंग्रेजो से लड़े थे हम निडर है इसलिए आपकी आवाज पूरा देश सुनता है। आपको जिम्मेदारी से बात करनी चाहिए। केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, महंगाई एजुकेशन और देश की ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। अडानी पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी इस देश की नब्ज़ समझती है। निर्णय अचूक और समाज के लिए हितकारी होने चाहिए। आतंकवाद और ऐसे संगठन जो पंजाब में सर उठा रहे हैं यह अपने आप में इस देश के लिए और समाज लिए एक खतरे की घंटी है। मुझे नहीं लगता पंजाब सरकार सक्षम है इस स्थिति को समझने में और इस स्थिति से निपटने में भी सक्षम नहीं है। उम्मीद है राज्य और केंद्र सरकार पंजाब पर ध्यान देंगी। आने वाले कुछ घंटों में इसका उदाहरण देखने को मिलेगा।

चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के सवाल पर पवन खेड़ा ने कहा कि यह बात मुझे अभी आप से पता लगी है लेकिन फिर भी मैं बताना चाहूंगा की हम कोई भी फैसला सोच समझकर करते हैं। हम अचानक नोट बंदी करने और अचानक लॉक डाउन लगा दो ऐसे निर्णय नहीं करते हैं। हम अचानक निर्णय नहीं ले लेते हैं। कांग्रेस पार्टी देश की नब्ज पहचानती है। जब आप सोच समझकर निर्णय लेते हो तब वह निर्णय कारगार होता है।

कांग्रेस के रूठे और पार्टी छोड़कर गए नेताओ के लिए पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है। कांग्रेस के दरवाजे खुले हुए हैं। विचारधारा, आरएसएस और सावरकर के सवाल पर खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा न लेफ्ट है न राइट, हम सनातनी मध्यमार्गी विचारधारा को मानते हैं.

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