दुर्ग जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के प्रमुख अधिकारियों की बैठक संपन्न: Social मीडिया में Fake न्यूज़ पर नियंत्रण के लिए होगी स्पेशल मॉनिटरिंग…रोड एक्सीडेंट की रिपोर्ट बनाएंगे ऑफिसर्स; पढ़िए और किन-किन पॉइंट्स पर हुई चर्चा

  • कोटवारों को ट्रेनिंग देकर जिले के इनफॉर्मेशन स्ट्रक्चर को किया जाएगा मजबूत
  • सड़क दुर्घटनाओं की लगातार मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट बनाएंगे अधिकारी ताकि सड़क दुर्घटनाओं पर लग सके अंकुश

दुर्ग। दुर्ग जिले में अब सोशल मीडिया में फेक न्यूज़ को नियंत्रण करने हेतु स्पेशल मॉनिटरिंगकी जाएगी। बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये दुर्ग जिला कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा की अध्यक्षता एवं पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में जिला प्रशासन व पुलिस विभाग के प्रमुख अधिकारियों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर मीणा ने पुलिस अधीक्षक से जिले में सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों की जानकारी ली।

उन्होंने सड़क सुरक्षा, सामाजिक सौहाद्रता, सोशल मीडिया में भ्रामक जानकारियां फैलने की स्थिति, वी.आई.पी आयोजन एवं पुलिस विभाग के सूचना तंत्र के विषय में अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक ने सभी अधिकारियों को संयम से काम लेने और सभ्य भाषा के इस्तेमाल की हिदायत दी। किसी भी हालत में अभद्र भाषा का प्रयोग पुलिस अधिकारी, कर्मचारी न करें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए।

सोशल मीडिया में भ्रामक जानकारियां रोकने के लिए अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग- कलेक्टर ने जिले में सामाजिक सौहाद्रता और अखंडता बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में फेक न्यूज पर नियंत्रण हेतु हर संभव प्रयास के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि जिले के विभिन्न वाट्सएप ग्रुप्स की मॉनिटरिंग जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी, ताकि इस तरह के मामलों पर रोक लगाया जा सके।

सामाजिक सौहाद्रता, देश की एकता एवं अखंडता में बाधा उत्पन्न करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस विभाग के अधिकारियों से जानकारी मांगने पर कोई अधिकारी जानकारी देने के लिए घबराएं नहीं जो जांच कर रहा है टाईमली रिस्पांड करें ताकि पब्लिक के बीच कोई भ्रांति न फैले।

जिले में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस करेगी आदतन बदमाशों की निगरानी- अपराधिक मानसिकता के लोगों व आदतन बदमाशों की सूची बनाकर उनकी गतिविधियों की लगातार निगरानी होती रहनी चाहिए ताकि अपराध की संभावनाओं में कमी लाई जा सके।

कोटवारों को प्रशिक्षित कर जिले के इन्फ़ॉर्मेशन स्ट्रक्चर को किया जाएगा मजबूत – जिले के इनफॉर्मेशन स्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कलेक्टर ने एसडीएम को जिले के कोटवारों की सूची बनाकर उनके कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिए। साथ ही अयोग्य कोटवारों को सेवा से मुक्त कर नियमानुसार योग्य लोगों को नियुक्त किया जाए। कोटवारों को ब्लाक और जिला स्तर पर पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा प्रशिक्षण दिया जाए। कोटवार पुलिस विभाग के इनफॉर्मेसन सिस्टम की इकाई है उस इकाई को इतना मजबूत करें कि ग्रामीण स्तर पर छोटी से छोटी सूचना मिल पाए।

सड़क दुर्घटनाएं रोकना एक मानवीय कार्य है और प्रशासन की जिम्मेदारी है- सड़क दुर्घटना में एस.डी.एम. व थानेदार मौके पर जाकर कारणों की समीक्षा करें एवं इसकी रिपोर्ट दें, ताकि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संभावित प्रयास किए जा सकें। हाईवे/पुलिस पेट्रोलिंग और पुलिस चौकियों के साथ कम्युनिकेशन स्थापित किया जाए जिससे सड़क दुर्घटनाओं और अन्य गतिविधियों पर मानिटरिंग की जा सके। साथ ही ड्रिंक एंड ड्राइव और रात में बेवजह घूमने वालों पर सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

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