भिलाई। दुर्ग के धमधा नाका ब्रिज में एक हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद हर बार की तरह इस बार भी जिम्मेदारों ने ग्राउंड विजिट किया और अधिकारियों को निर्देश दिए। जिम्मेदारों का मतलब साफ है विधायक और मेयर और उन जिम्मेदार अधिकारियों से जिनकी जिम्मेदारी बनती है सुरक्षा के लिए।
आज वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने बीती रात धमधा नाका फ्लाईओवर में हुए हादसे में चार लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने कहा है। जबकि, शहर में कब्जे की वजह से ट्रैफिक का दबाव बढ़ते ही जा रहा है। विधायक वोरा ने लगातार हादसे की वजह से हो रही मौतों पर चिंता जताई है।
उन्होंने कहा है, हादसे रोकने के लिए यातायात विभाग को सभी जरूरी इंतजाम करना चाहिए। सबसे बड़ी बात तो ये कि शहर में लगातार अतिक्रमण बढ़ रहे हैं। जब निगम या अन्य अमला कार्रवाई करने जाता है तो उन्हें राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ता है। ये बातें खुद अधिकारी भी कह चुके हैं।
वैसे विधायक वोरा ने आज इस मामले को लेकर ट्रैफिक डीएसपी गुरजीत सिंह से चर्चा करते हुए यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने कहा है। वोरा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बीते एक हफ्ते में 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जो चिंता का विषय है। यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के इंतजाम तत्काल किये जाने चाहिए।
वोरा ने कहा कि पिछले दो दशकों में शहर की आबादी बढऩे के साथ ही वाहनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस अनुपात में यातायात की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के इंतजाम पर व्यापक स्तर पर ध्यान देना आवश्यक है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए व्यापक स्तर पर बारीकी से समीक्षा करना जरूरी है।
दुर्ग शहर को जानने वाले बताते हैं कि, हादसों के लिए बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था जरूर जिम्मेदार है। इस बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था के लिए कब्जेधारी जिम्मेदारी है। वो चाहे मार्केट एरिया हो या फिर सड़क किनारे। जहां लगातार आवागमन होता है।
वोरा ने आज कहा है कि, बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था के साथ ही हादसे रोकने के लिए शहर की प्रमुख सडक़ों पर जरूरी इंतजाम किया जाना चाहिए। वोरा ने कहा कि प्रमुख सडक़ों पर बेहतर प्रकाश व्यवस्था करना जरूरी है। पिछले एक साल से ज्यादा समय से जीई रोड पर अंधेरा है। जीई रोड पर 12 करोड़ की लागत से प्रकाश व्यवस्था का काम तत्काल तेजी से किया जाना चाहिए।
इसके अलावा सभी प्रमुख सडक़ों पर रेडियम संकेतक लगाने का काम होना चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। अनियमित और बेतरतीबी से लगे होर्डिंग को स्थायी रूप से हटाने की कार्रवाई होना चाहिए। सडक़ों पर गड्?ढे की तत्काल फिलिंग कराई जानी चाहिए, ताकि हादसे न हों। इसके अलावा सडक़ों पर आवारा मवेशियों के कारण भी हादसे होते हैं। हादसे रोकने के लिए हरसंभव उपाय तत्काल किये जाने चाहिए।
वहीं दुर्ग निगम के पूर्व पार्षद डी. प्रकाश का कहना है कि, हादसे में 4 लोगों की मौत हुई है। यह जिला प्रशासन की लापरवाही है। लगातार मांग के बावजूद न पुलिया का संधारण किया जा रहा है और न ही सुरक्षा के कोई उपाय किए गए। लगातार जिला प्रशासन को सड़क और फुटपाथ का अंतर खत्म होने की शिकायत की जाती रही लेकिन जिला प्रशासन अपने लापरवाही पूर्ण कार्यशैली के चलते फिर मौत का तांडव देखने को मिला।
डी. प्रकाश ने यह भी कहा, राजीव गांधी सेतु इंसानी खून से लाल हो चुका है। प्रशासन तत्काल इसे प्राथमिकता से सेतु पर सुरक्षा के उपाय बढ़ाएं अन्यथा प्रशासन को विपरीत स्थितियों का सामना करना पड़ेगा जिसकी पूरी जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी। खामियों से भरा हुआ यह सेतु लगातार दुर्घटनाओं को अंजाम दे रहा है।
डी. प्रकाश ने आगे यह भी कहा, इसकी पूरी जवाबदारी लोक निर्माण विभाग दुर्ग एवं जिला प्रशासन, यातायात विभाग की है। प्रशासन इसे गंभीरता से लें, अन्यथा दूरगामी नतीजे बहुत दुखदाई होंगे। जहां अंडर ब्रिज निर्माण की गति धीमी है, वहीं खतरनाक ओवर ब्रिज लोगों को दोहरा खतरनाक स्थितियों से सामना करने मजबूर होना पड़ रहा है।