दुर्ग का यह स्कूल 100 साल पुराना लेकिन स्थिति जर्जर: पटरीपार में शिक्षा पर विधायक वोरा का फोकस, स्कूल की तस्वीर बदलने ग्राउंड में निकले…अब आत्मानंद स्कूल की तरह किया जाएगा विकसित

दुर्ग। जिला मुख्यालय दुर्ग में आज भी ऐसा स्कूल है जहां छोटे.छोटे बच्चे कभी भी स्कूल भवन ढहने के खतरों के बीच पढ़ाई कर रहे हैं। 1918 में प्रारंभ सिकोलाभाठा स्कूल में करीब 2 सौ बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल भवन काफी जर्जर है। बीच.बीच में कई बार प्लास्टर करते हुए मरम्मत कराया गया लेकिन हालत जस की तस है।

जर्जर भवन से प्लास्टर गिरने के खतरे और दहशत के बीच पटरीपार के स्टूडेंट अपना भविष्य गढ़ रहे हैं। विधायक अरुण वोरा ने हाल ही में इस स्कूल के कंडम होने का जिक्र करते हुए स्वामी आत्मानंद हिंदी मीडियम स्कूल के रूप में अपग्रेड करने शासन से मांग की है। इस संबंध में वोरा ने कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे से भी चर्चा की है।

विधायक के साथ मौके पर मौजूद नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी ने बताया कि स्कूल भवन के लिए 42 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है। वोरा ने कहा कि स्कूल भवन को नए सिरे से बनाकर स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल प्रारंभ किया जाना चाहिए। वार्ड पार्षद शंकर ठाकुर ने कहा है कि स्कूल भवन में हादसा होने से पहले ही भवन का निर्माण नए सिरे से होना चाहिए।

भवन जर्जर होने के कारण छोटे बच्चों समेत स्कूल स्टाफ के साथ दुर्घटना की स्थितियां टाली जानी चाहिए। निरीक्षण के दौरान महापौर धीरज बाकलीवाल, एमआईसी मेंबर हमीद खोखर, संजय कोहले भी मौजूद थे। वोरा ने स्कूल परिसर में आयोजित जन समस्या समाधान शिविर में आए नागरिकों से मुलाकात की और समस्याओं का जायजा लिया।

वोरा ने कहा कि सबसे ज्यादा मांगें भूमि के पट्टे को लेकर है। नागरिकों की मांग के मद्देनजर तत्काल पट्टा वितरण व नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए। वोरा ने बताया कि शिविर में आंगनबाड़ी भवन न होने की जानकारी दी गई।

सुविधाजनक भवन की व्यवस्था भी तत्काल जरूरी है। वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सभी विधानसभा क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं। समस्याओं का जायजा लेते हुए प्रशासनिक कामकाज की जानकारी भी ली जा रही है।

बेहतर होगा कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले प्रशासनिक अमला सभी आवश्यक कार्य कर ले। अधिकारी चौकन्ने होकर जन समस्याओं के निवारण की दिशा में कार्य करें ताकि सीएम के आगमन पर व्यवस्था को लेकर शिकायतें न हो।