देश और राज्य की रीढ़ की हड्डी बन चुकी है MSME उद्योग; एमएसएमई उद्योगों के लिए पूरे देश का मार्केट है ओपन… वर्ष 2023 को “MSME क्रांति उद्योग” के रूप में मनाएं : के.के. झा

भिलाई। “माइक्रो, स्माल एंड मध्यम इंटरप्राइजेज देश और राज्य की रीढ़ की हड्डी बन चुकी है। MSME उद्योगों के लिए पूरे देश का मार्केट खुला हुआ है। वर्ष 2023 को MSME क्रांति उद्योग रूप में मनाएं” ये सेंटेंस एमएसएमई जिला उद्योग संघ दुर्ग के अध्यक्ष केके झा का है। उन्होंने कहा कि, एमएसएमई उद्योगों का दौर आ गया है। नया वर्ष 2023 संपूर्ण एमएसएमई उद्योगों के लिए क्रांति का स्वर्णिम वर्ष होगा। इसलिए इस वर्ष को हम “एमएसएमई क्रांति उद्योग” के रूप में मनाएं।

वर्तमान में एमएसएमई उद्योग देश व राज्य की रीढ की हड्डी बन चुके हैं। एमएसएमई उद्योगों के लिए पूरा देश खुला हुआ है, पूरा मार्केट खुला हुआ है। शासन द्वारा एमएसएमई उद्योगों के लिए जो सुविधा और छूट दी गई है अब जरूरत है उसका लाभ लेने की। एमएसएमई उद्योगों को अब सिर्फ बीएसपी पर ही निर्भर रहने की जरूरत नहीं है उनके लिए पूरे देश में काम ही काम है।

झा ने कहा कि एमएसएमई उद्योगों को शासन द्वारा जो छूट और सुविधा दी गई है उसका लाभ लेना एमएसएमई के लिए बड़ी उपलब्धि है। जैसे बोरई में टेक्निकल सेंटर है जहां युवा उद्यमियों को सब कुछ सिखाया जाता है। जिले में कौशल विकास समिति से काफी मार्गदर्शन मिलता है। आज बहुत सारे क्षेत्र हैं जहां एमएसएमई की जरूरत है।

लेकिन एमएसएमई को अपने उत्पादन बेचने के लिए केवल बीएसपी ही दिखता है। जबकि बीएसपी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। एमएसएमई उद्योगों के लिए आज पूरा देश खुला हुआ है। जिसके लिए “जेम” ( गवर्नमेंट ई मार्केटिंग ) बना हुआ है। “जेम” के माध्यम से पूरे देश में हम काम कर सकते हैं कहीं कोई बंधन नहीं है।

CM भूपेश ने उद्योगों की तकलीफों को गंभीरता से लिया: झा
उन्होंने कहा कि एमएसएमई को आज खुला मार्केट मिला हुआ है। छत्तीसगढ़ में शासन द्वारा विशेष सुविधा दी गई है। उद्योगों को यदि कोई तकलीफ हो रही है तो हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उसे काफी गंभीरता से ले रहे हैं। वह चेंबर- उद्योगों की बैठक में व्यक्तिगत रूप से पहुंचते हैं और सभी से चर्चा करते हैं। यही नहीं, पत्र एवं मीडिया के माध्यम से जो भी बात उन तक पहुंचती है उसे गंभीरता से लेते हैं और समस्याओं के निराकरण का प्रयास करते हैं।

शासन द्वारा उद्योगों को काफी सुविधाएं दी जा रही है: झा
झा ने कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जनप्रतिनिधि, ब्यूरोक्रेट्स सभी एमएसएमई के महत्व को समझ रहे हैं। एमएसएमई आज देश-राज्य के रीढ की हड्डी बन चुका है। जरूरत है इन्हें सुविधाएं देने की और इनसे सुविधाएं लेने की। शासन द्वारा एमएसएमई उद्योगों को वर्तमान में काफी सुविधाएं दी जा रही हैं। जैसे बिना गारंटी लोन, महिलाओं के लिए ऋण का विशेष पैकेज, नए लगने वाले यूनिट्स को 30 से 40% सब्सिडी, बिजली बिल एवं बैंक ऋण में सब्सिडी सहित अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं।

झा ने कहा कि एमएसएमई उद्योगों का दौर आ गया है। इसकी झलक 2022 में ही मिलने लगी थी। जैसे हरित क्रांति हुई, वैसे ही एमएसएमई क्रांति होगी। वर्ष 2023 एमएसएमई उद्योगों के लिए स्वर्णिम वर्ष होगा।

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