6 फरवरी को बर्फीले तूफान की चपेट में आए भारतीय सेना के 7 जवान शहीद, घटना स्थल से निकाले गए सभी का शव

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के कामेंग सेक्टर (Kameng Sector) के ऊंचाई वाले हिस्से में हिमस्खलन में फंसकर लापता हुए भारतीय सेना के सभी सात जवान शहीद हो गए हैं। भारतीय सेना ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले में भारत-चीन सीमा पर एक हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हुए सात सैनिकों के शव मिल गए हैं।

कामेंग सेक्टर में ऊंचाई पर स्थित इलाके में हिमस्खलन होने से 6 फरवरी को उसमें भारतीय सेना के कम से कम सात जवान फंस गए थे। उसी दिन से फंसे हुए जवानों का पता लगाने के लिए तलाश और बचाव कार्य जारी था। उन्होंने कहा कि सैन्यकर्मी एक गश्ती दल में शामिल थे और वे रविवार को आए हिमस्खलन में फंस गए।

भारतीय सेना (Indian Army) ने अब पुष्टि हुई है कि उन सभी सैनिकों की मौत हो गई है। सेना को उन सभी सैनिकों के शव मिल गए हैं। बता दें कि इस इलाके में पिछले कुछ दिन से मौसम खराब है और यहां भारी बर्फबारी हो रही है। सेना ने कहा कि तलाशी और बचाव अभियान अब समाप्त हो गया है और सभी सात जवानों के शव हिमस्खलन स्थल से बरामद कर लिए गए हैं।

सेना ने कहा कि यह क्षेत्र 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इस क्षेत्र में पिछले कई दिनों से भारी बर्फबारी के साथ खराब मौसम की सूचना मिल रही है। समाचार एजेंसियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से भारी बर्फबारी के साथ क्षेत्र में खराब मौसम देखा जा रहा है।

हिमस्खलन में सैनिकों का फंसना कोई नई घटना नहीं है। सशस्त्र बलों ने अतीत में भी ऐसी घटनाओं में अपने कर्मियों को खो दिया है। आखिरी बार ऐसी घटना मई 2020 में हुई थी, जब सिक्किम में हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के दो जवान की मौत हो गई थी।

फरवरी 2020 में संसद में सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सेना ने 2019 में सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन और हिमस्खलन में छह जवानों और देश के अन्य हिस्सों में 11 अन्य लोगों को खो दिया था। नौसेना ने पिछले साल अक्टूबर में उत्तराखंड के माउंट त्रिशूल में अपने पांच कर्मियों को खो दिया था, जहां वे एक अभियान के लिए गए थे।