प्रयास आवासीय विद्यालय कोरबा के बच्चे छत्तीसगढ़ में छा गए: यहां पढ़ने वाले सभी बच्चे फर्स्ट डिविजन से पास…कलेक्टर रानू साहू ने सम्मानित कर बढ़ाया बच्चों का हौंसला

कोरबा। कौन कहता है कि सरकारी स्कूलों और हॉस्टल में पढ़ाई नहीं होती…जो लोग ये बात कहते हैं वो झूठ बोलते हैं। क्योंकि सच ये नहीं है। सरकारी स्कूल और प्रयास में पढ़ने वाले बच्चों ने कमाल किया है। पूरे प्रदेश का दिल जीत लिया है। कोरबा जिले में संचालित शासकीय प्रयास आवासीय विद्यालय स्याहीमुड़ी के सभी छात्र-छात्रों ने 12वीं में कक्षा में बाजी मारी है। आदिवासी कल्याण विभाग के प्रयास के सभी विद्यार्थी शत-प्रतिशत पास हुए है। इस बार 12वीं में यहां 104 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दिलाई थी और सभी प्रथम श्रेणी में पास होकर नया कीर्तमान स्थापित किया है। संस्था में अध्यनरत होनहार शालू गुप्ता ने 90.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर संस्था को गौरवान्वित किया है। वहीं दूसरी छात्रा हसीना रावटे ने 90 प्रतिशत अंक हाशिल किए है।

हौंसलों का सम्मान-कलेक्टर रानू साहू
शालू गुप्ता जिला बालोद के कुमरकट्टा गांव की रहने वाली है। शालू के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक, उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं है। लिहाजा उनकी माता पेशे से रोजी मजदूरी का काम करती हैं। हर सुबह वो काम की तलाश में निकलती हैं, कभी ऐसा भी होता है कि रोजी नहीं मिलती।

मगर परिवार के हालत शालू के हौसलों को कभी डिगा नहीं सकें और आगे भविष्य में वो डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती है। छात्रा शालू को कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने उनकी मेहनत व लगन के लिए उपहार देकर सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है। इस मौके पर आदिवासी कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त व अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहें।

वहीं, हसीना रावटे जिला राजनांदगांव के अड़जाल की है। उनके पिता कुमराज रावटे पेशे से खेती-किसानी करते है। लेकिन कभी उन्होंने अपनी बेटी को बोझ नहीं समझा निरंतर उसके हौशला बढ़ाते रहे इसी का नतीजा है कि उनकी बेटी हशीना ने कोरबा प्रयास संस्था के साथ अपने माता-पिता का नाम रौशन कर दिखाया है। हसीना का कहना है कि वे डॉक्टर बनना चाहती है और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवा देना चाहती है।

प्रयास आवासीय विद्यालय में शिक्षा
जानकारी के अनुसार, प्रदेश के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र और नक्सल पीड़ित या प्रभावित क्षेत्रों के शालाओं से कक्षा 8वीं उत्तीर्ण प्रतिभावान विद्यार्थियों के उत्कृष्ट एवं गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा के साथ-साथ राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं-इंजीनियरिंग, मेडिकल, सीए, सीएस एवं क्लैट इत्यादि से संबंधित प्रवेश परीक्षाओं में सफल होने के योग्य बनाने के लिए यह विद्यालय स्थापित किए गए हैं। नक्सल हिंसा से प्रभावित, पीड़ित परिवार के पात्र बच्चों को संस्था में सीधे प्रवेश की पात्रता होगी। आवेदन पत्र और अन्य जानकारी विभागीय वेबसाइट www.tribal.cg.gov.in और जिले के सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। इन आवासीय विद्यालयों में दाखिला प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है

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