पाटन में क्विक एक्शन में काम: 3 नवजातों को जन्म के 15 दिन के अंदर ही मिल गया स्थायी जाति प्रमाण पत्र…पैरेंट्स का साथ देने प्रशासन ने निभाई पालक की भूमिका, प्रमाण पत्र देने घर तक पहुंचा प्रशासन

भिलाई। ग्राम पंदर ब्लाक पाटन के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जन्मे 03 नवजात शिशुओं के अधिकार के संरक्षण के लिए महज 15 दिन के भीतर उनके अभिभावकों को प्रशासनिक अमले के द्वारा स्थायी जाति प्रमाण पत्र मुहैया काराया गया।

इस प्रक्रिया में राजस्व विभाग व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने समन्वय स्थापित किया और बच्चों के घर में पहुंचकर उनके माता-पिता को स्थायी जाति प्रमाण पत्र प्रदान किया।

आम जन से संबंधित प्रमुख सेवाओं को सुगम व सरल बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सरलीकरण की प्रक्रिया को अपनाने के लिए कहा था। इसी के अंतर्गत नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं में मुख्यमंत्री के मंशानुरूप जिले में सक्रिय स्तर पर लगातार कार्य किया जा रहा है।

जन्म, मृत्यु, विवाह, निवास एवं जाति प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज व्यक्तियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है इसलिए कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने इन्हें प्राथमिकता में रखने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।

इस संबंध में जानकारी देते हुए पाटन के एस.डी.एम. विपुल गुप्ता ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जन्मे 03 नवजातों को स्थायी जाति प्रमाण पत्र देने के साथ ही टी.एल. मीटिंग में कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा निर्धारित किए गए निर्देशों का परिपालन किया जा रहा है। टी.एल. में नवजात शिशुओं के जाति प्रमाण पत्र को 01 महीने के भीतर दिए जाने की बात कही गई थी, ताकि बच्चों के अभिभावक एवं पालक को त्वरित सुविधा प्रदान हो सके

। इस अवसर पर नवजात शिशुओं के पालकों से भी चर्चा की गई, जिसमें श्री खिलेंद्र साहू ने अपने पुराने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उनके समय में जाति प्रमाण पत्र बनवाना लोहे के चने चबाने जैसा था, इस प्रक्रिया में लंबा समय लग जाता था। आज जब वेदिका साहू का जाति प्रमाण पत्र उन्हें 15 दिन के भीतर बीएमओ पाटन डॉ. आशीष शर्मा द्वारा प्राप्त हुआ तो उन्हें अहसास हुआ कि समय सही मायनों में बदल रहा है और प्रशासनिक ढांचे में सकारात्मक बदलाव भी आ रहा है

। इसके अलावा लक्षित के पिता श्री खिलेश्वर यादव और खुशान्त के पिता डिगेश्वर यादव ने शासन को बच्चों के पालक की संज्ञा दी। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि छत्तीसगढ़ शासन बच्चों के जन्म के पूर्व से ही पालक की भूमिका अदा कर रहा है। आज पाटन में शासन की पहल से सर्वसुविधायुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध है जहां नार्मल के साथ-साथ जटिल सीजेरियन डिलीवरी भी कराई जा रही है। बच्चों के टीकाकरण एवं पोषण का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

इसके पश्चात् भी शासन बच्चों के जन्म के बाद उनके भविष्य और अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध करा रहा है। जिससे कि वो शासन की योजनाओं का लाभ आने वाले भविष्य में ले सके और सही मायनों में भविष्य का निर्माण कर सके।

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