रायपुर। राजधानी रायपुर के वर्धमान नगरवासी गंदगी और अव्यवस्थित ट्रैफिक सिस्टम से परेशान है। 22 सितंबर को इनके द्वारा होने वाला प्रदर्शन अब 6 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा। नगरवासियों ने बताया कि, “जिला प्रशासन, कलेक्टर, ट्रैफिक ASP, नगर निगम आयुक्त और जोन 10 के आयुक्त को इसकी सूचना दी है। अगर हमारी समस्या का निराकरण 5 अक्टूबर तक नहीं होता हैं तो फिर 6 अक्टूबर से विशाल धरना प्रदर्शन होगा।” वर्धमान नगर विकास समिति देवपुरी रायपुर के अध्यक्ष विवेकानन्द भट्टाचार्य ने बताया कि, हम गहरी नाराजगी के साथ यह कहना चाहते हैं कि जिला प्रशासन, रायपुर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह से बेखबर हैं। वे किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहे हैं, जबकि हम बार-बार समस्याओं के समाधान के लिए गुहार लगा रहे हैं।


वर्धमान नगर विकास समिति देवपुरी रायपुर के अध्यक्ष विवेकानन्द भट्टाचार्य ने कहा कि, मंडी समिति ने भी लिखित में कार्रवाई की मांग की है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता से साफ है कि वे नागरिकों की सुरक्षा और उनकी समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं हैं। हम जोन 10 के आयुक्त और इंजीनियरों का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने 22 सितंबर के प्रदर्शन के बारे में हमारी चिंताओं को गंभीरता से लिया। नगर निगम जोन 10 ने लगातार हमसे समन्वय किया है और उन्होंने पहले भी सब्जी मंडी को नोटिस जारी किया था। हाल ही में, उन्होंने ट्रैफिक विभाग को कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिखा है। हालांकि, यह पर्याप्त नहीं है; हमें वास्तविक और तात्कालिक कार्रवाई की आवश्यकता है।उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि अवैध अतिक्रमण और पार्किंग की समस्या को शीघ्र ही हल किया जाएगा। लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या केवल आश्वासन ही काफी है? क्या प्रशासन केवल कागजों पर काम कर रहा है, जबकि वास्तविकता में हमारे नगरवासियों को संकट का सामना करना पड़ रहा है?”

वर्धमान नगर विकास समिति देवपुरी रायपुर के अध्यक्ष विवेकानन्द भट्टाचार्य ने कहा कि, 19 सितंबर को अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई, लेकिन जोन 10 कमिश्नर द्वारा सूचित किए जाने के बावजूद राजेंद्र नगर थाना, टिकरापारा थाना, मना थाना, और ASP सिटी ने 20 पुलिस बल (महिलाएं और पुरुष) की तैनाती करने में विफलता दिखाई। परिणामस्वरूप, कानून-व्यवस्था की स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई और वाद-विवाद स्थिति अतिक्रमणकारियों द्वारा बनाई गई थी , और जोन 10 की टीम अपनी कार्रवाई को पूरा नहीं कर पाई। हमारा प्रदर्शन केवल एक आंदोलन नहीं है; यह प्रशासन की नींद को जगाने और उन्हें उनकी ज़िम्मेदारियों का एहसास कराने का एक प्रयास है। हम मांग करते हैं कि प्रशासन अविलंब आवश्यक कदम उठाए, अन्यथा हमें और अधिक कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। समिति स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि प्रदर्शन के स्थगित होने का यह मतलब नहीं है कि हमारा संघर्ष समाप्त हो गया है। हम तब तक अपनी आवाज उठाते रहेंगे जब तक हमारी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो जाता। प्रशासन और पुलिस विभाग को यह समझना चाहिए कि हमारी मांगें जायज हैं और हम अंत तक लड़ाई जारी रखेंगे।
