वैशाली नगर में कांग्रेस को करारा झटका: पूर्व सभापति और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह अरोरा ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ; पढ़िये उनका इस्तीफा पत्र

भिलाई। भिलाई के वैशाली नगर क्षेत्र से इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां कांग्रेस को करारा झटका लगा है। भिलाई नगर निगम के सभापति और सीनियर कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह अरोरा ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पत्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी (PCC) अध्यक्ष दीपक बैज को भेजा है।

उन्होंने पात्र में लिखा कि, “यह पत्र में अत्यंत व्यथित मन से लिख रहा हूँ, जीवन के लगभग 40 साल मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की रीति नीति में चलकर जन सेवा और परोपकार को अपना उद्देश्य माना लेकिन बीते 4-5 वर्षों मे जो कुछ भी मिलाई जिला कांग्रेस कमेटी के जिम्मेदार लोगो ने किया है यह अत्यंत पीड़ादाई है ऐसे हालात में कांग्रेस में बने रहना अपने आत्म सम्मान को ठेस पहुँचाने के बराबर है। महोदय जी मुझे सन् 1983-84 में मध्यप्रदेश कांग्रेस का सम्मेलन भिलाई के नेहरु सांस्कृतिक सदन सेक्टर-1 में हुआ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन महामंत्री राजीव गांधी की उपस्थिति में मध्यप्रदेश के तत्कालिन मुख्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह द्वारा मुझे सर्वोत्तम कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित किया गया। इसके बाद भिलाई नगर युवक कांग्रेस का महामंत्री बना तब अपने अच्छे कार्य के लिए मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश पचौरी के चार बार और बाद में सुरेद्र सिंह ने दो बार बेहतर काम करने के लिए सम्मानित किया था। मैंने कैम्प क्षेत्र के जनता के साथ मिलकर “बैकुंठधाम” मंदिर का भव्य निर्माण कर सन् 2000 में प्राण प्रतिष्ठा कराई यह मंदिर आज पूरे छत्तीसगढ़ में विख्यात है।”

उन्होंने आगे लिखा, “भिलाई नगर निगम गठन के पश्चात् वर्ष 2000, 2005 और 2010 में हुए चुनाव में लगातार तीन बार कैम्प क्षेत्र की श्रमिक बहुल बस्ती से चुनाव लड़ा और पूरे निगम क्षेत्र में सर्वाधिक मतों से जीत के अंतर का रिकॉर्ड मेरे नाम रहा तथा सन् 2010 में नगर पालिक निगम भिलाई का सभापति बना । भिलाई की प्रथम महापौर सुश्री नीता लोधी और वैशाली नगर के विधानसभा में हुए उप चुनाव में भजन सिंह निरंकारी को विजयी लीड मेरे वार्ड क्षेत्र से मिली। मैं जमीन से जुड़ा कांग्रेस का सिपाही रहा हूँ जनहित के कार्य और जन सरोकार से जुड़े मुद्दे उठाकर सदैव कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया। रियायती दर पर जमीन आवंटन के बदले साड़ा प्रशासन से हुए करार के मुताबिक चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल में गरीबों का मुफ्त इलाज व बेड आरक्षित रखने को लेकर संघर्ष किया। कोसानाला टोल प्लाजा में अवैध टोल वसूली का मुद्दा उठाया। जनहित याचिका भी दायर की। मेरे दोनो संघर्ष का फायदा जनता को मिला।”

उन्होंने आगे लिखा कि, “मैंने केम्प 2 में वैकुंठधाम के पास सूर्यकुंड निर्माण को लेकर संघर्ष किया। भाजपा शासन काल में निर्माण का भूमिपूजन भी हुआ और अधूरा कार्य हुआ और कानूनी अड़चन के कारण यह कार्य भाजपा शासन काल में पूर्ण नही हो सका लेकिन अफसोस की बात है कि कानूनी अड़चन हटने के बाद भी मेरे द्वारा कई बार निवेदन करने के बाद भी मिलाई नगर के विधायक माननीय श्री देवेन्द्र यादव, महापौर श्री नीरज पाल और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री मुकेश चन्द्राकर के द्वारा यह कार्य को नही कराया गया, अदालत में मामला लंबित होने का बहाना कर टाल दिया गया, जबकि प्रस्तावित निर्माण स्थल को लेकर कोर्ट को ऐसा कोई आदेश निर्देश नही है। ऐसा करना ना केवल मेरी बल्कि छत्तीसगढ़ के लोगो तथा यहां बड़ी संख्या में रहने वाले उत्तर भारतवासियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम कांग्रेस और स्थानीय नेतृत्वकर्ताओं ने किया है।”

उन्होंने लिखा की, “मुझे बेहद खेद के साथ यह कहना पड़ रहा है कि आज कांग्रेस में वरिष्ठों का कोई स्थान नही है। इस शहर में बहुत दिग्गज कांग्रेस नेता और समर्पित कार्यकर्ता हैं जिन्होने अपनी मेहनत और निष्ठा से कांग्रेस पार्टी को सीचा और संवारा है, लेकिन उन्हे मात्र चुनाव के समय ही याद किया जाता है। आज के पदाधिकारी और नेता उन्हे जानबूझकर अपमानित कर रहें है। चाहे विधायक श्री देवेन्द्र यादव महापौर श्री नीरज पाल और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री मुकेश चन्द्राकर हो। उन्हें ना तो जनता की परवाह है, ना ही पार्टी और ना ही वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की जिनकी बदौलत वे आज सत्ता सुख भोग रहें है कांग्रेस में पहले ऐसा बुरा दौर कभी नही रहा। वरिष्ठों को बराबर सम्मान और आयोजनों में स्थान मिलता रहा है। मेरे जैसे सैकड़ो कार्यकर्ता है जो इस समय आहत और अपमानित महसूस कर रहें है। मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे रहा हूँ।”