भिलाई। छत्तीसगढ़ में अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य संविदा विद्युत कर्मचारी संघ मुखर हो रहा है। दो सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार आंदोलन जारी है।
यह आंदोलन आने वाले दिनों में विशाल रूप लेने वाला है। क्योंकि बड़े आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है। इस संबंध में 20 मार्च को रायपुर में सभी कर्मचारी एकजुट होने वाले हैं। जहां मांगों को लेकर चर्चा होगी और 21 मार्च को विधानसभा घेरने की पूरी तैयारी की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में भले ही विद्युत संविदा कर्मचारियों की संख्या 2500 है…लेकिन इनकी मांगों के लिए आवाज मुखर हो रही है। 21 मार्च को विधानसभा घेराव करने वाले हैं। अगर बात नहीं बनी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल। मांग सिर्फ दो ही है।
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— Yashwant Sahu 🗨(News24) (@yashwantbhilai) March 19, 2022
संघ के महासचिव उमेश पटेल ने बताया कि, शोषण एवं अत्याचार से मुक्ति की मांग हम लगातार कर रहे हैं। संविदा विद्युत कर्मचारी संघ की सिर्फ 2 सूत्रीय मांग है। सबसे पहली मांग रिक्त पदों पर कंपनी में कार्यरत विद्युत संविदा कर्मियों को नियमित नियुक्ति दी जाए। दूसरी बड़ी मांग विद्युत दुर्घटनाओं में शहीद संविदाकर्मियों के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए। इन दो के अलावा अन्य कोई मांग नहीं है।
महासचिव उमेश पटेल ने बताया कि, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कम्पनी में लाइन परिचारक संविदाकर्मियों को दो साल के संविदा/परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने पर नियमित करने का नियम रहा है। लेकिन कांग्रेस सरकार के आने के बाद इस पर रोक लग गई है।
संविदा कर्मी 2 साल में नियमित हो जाने के उम्मीद से काम करने के लिए इस विभाग में आ जाते हैं। लेकिन आएदिन उनके साथ दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। इसमें कई के अंग खराब हो जाते हैं। 25 से अधिक संविदाकर्मियों का निधन हो गया है। इसलिए विद्युत संविदाकर्मी अपने नियमितीकरण और अनुकम्पा नियुक्ति का मांग कर रहे हैं। संविदाकर्मी शासन तक अपनी बातों को पहुंचाने के लिए सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।