रायगढ़। छत्तीसगढ़ में भाजपा के “चलबो गोठान खोलबो पोल” अभियान के तहत विधानसभा रायगढ़ के पुसौर मंडल के बाघाडोला, महलोई, लोहाखान और छपोरा के गौठानों मे रविवार 21 मई को ओपी चौधरी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने जाकर निरीक्षण किया। ओपी चौधरी ने बताया कि, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 14वां वित्त, 15वां वित्त, मनरेगा और DMF जैसे मदों से गांव के विकास के लिए भेजी गई राशि को गोठान में जबरन दुरुपयोग करवा के, किए गए भ्रष्टाचार के संबंध में गांव वालों के साथ चर्चा की गई। गांव वालों ने कहा कि मोदी द्वारा भेजे गये जिस पैसे से गांव के बिजली,पानी,स्वच्छता,स्कूल, अस्पताल में खर्च किया जा सकता था,उस पैसे का गौठान के नाम पर दुरुपयोग करके भारी भ्रष्टाचार किया गया है।

ओपी चौधरी ने आगे बताया कि, ₹2 प्रति किलो की दर से गोबर को गांव वालों से खरीदा जा रहा है, और फिर वर्मी कंपोस्ट के नाम पर उसी क्षेत्र के किसानों को ₹10 प्रति किलो की दर से जबरन सोसायटी के माध्यम से बेचा जा रहा है। जो किसान नहीं लेना चाहता,उसे सोसायटी के अन्य सभी सुविधाओं से वंचित कर दिया जा रहा है । इसे लेकर किसानों के मन में भारी आक्रोश को प्रत्येक गांव में देखा गया। गोठान निर्माण में भी भारी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को साफ तौर पर देखा जा सकता है। गायों को पानी पिलाने के लिए बनाए गए संरचना में दरारे पड़ी हुई हैं, तो आखिर उसमें पानी रुकेगा कैसे? जितने भी गोठानों का भ्रमण किया गया, किसी एक भी गोठान में एक भी गाय किसी भी समय नहीं देखा जा सका।

ओपी चौधरी ने कहा कि, अनेक सरपंचों ने बताया कि उनके ऊपर जबरन दबाव डालकर के गोठान का निर्माण करवा दिया गया। बाद में गांव के विकास के लिए केंद्र की मोदी सरकार से आई हुई योजनाओं के पैसे को जबरन उपयोग कराया गया। वर्षों तक कई सरपंच उधारी में फंसे रहे।अभी भी कई स्थानों पर दो-तीन साल गुजर जाने के बाद भी कई मामलों में भुगतान नहीं हुआ है। कांग्रेस सरकार द्वारा नरवा, गरवा,घुरवा,बारी योजना के अंतर्गत गोठान के नाम पर किए जा रहे भ्रष्टाचार की पोल खोली गई। जब भूपेश बघेल की सबसे बड़ी फ्लैगशिप योजना का यह हाल है,तो अन्य योजनाओं की बदहाली की सहज ही कल्पना की जा सकती है।


