रायपुर। फिल्मी फ्राइडे को सेल्युलाइड बिग स्क्रीन पर ‘आदिपुरुष’ का अवतरण हुआ। एसएस राजमौली की ‘बाहुबली’ से निकल कर पैन इंडिया स्टार बने प्रभास की यह बहुप्रतीक्षित फिल्म थी, जिसमें फैंस और दर्शक प्रभास को ‘महेंद्र बाहुबली’ से श्रीराम बनते देखना चाहते थे। हालांकि कृति सेनन को सीता बनाने को लेकर पहले से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही थीं, जबकि लक्ष्मण और हनुमान की कास्टिंग भी सवालों के घेरे में रही थी।
600 करोड़ की लागत से बनी ये मल्टीस्टारर फिल्म शुक्रवार को जब रिलीज हुए तो फर्स्ट डे और फर्स्ट शो खत्म होने पर सिर्फ दर्शक ही बाहर नहीं, बल्कि इससे पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फिल्म से जुड़े विवाद पहुंच गए। डायलॉग्स का मजाक बना, वेशभूषा पर मीम बने, एक्टिंग-वीएफएक्स पर खिल्लियां उड़ीं और मामला यहां तक पहुंचा कि फिल्म का विवाद कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया है।
आदिपुरुष (Adipurush) फिल्म को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। इसको लेकर छत्तीगसढ़ में भी विवाद हो रहा है। इस फिल्म को बैन करने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है। सीएम बघेल ने कहा कि जनता की मांग आएगी तो आदिपुरूष को छत्तीसगढ़ में बैन करने की बात सोची जाएगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिल्म को लेकर कड़ा विरोध व्यक्त किया है। CM बघेल ने कहा है कि, भगवानों के चेहरे बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि, पहले राम की युद्धक छवि प्रस्तुत की गई, अब हनुमानजी की छवि बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, आदिपुरुष फिल्म में संवाद और भाषा अमर्यादित है। उन्होंने कहा कि, रामायण में भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है, फिल्म में संवाद के लिए जिन शब्दों का चयन किया गया है वे अमर्यादित हैं।
राजीव गांधी ने बनवाया रामायण सीरियल
सीएम बघेल तो यहां तक कह गए कि, राजीव गांधी जी ने रामानंद सागर से दूरदर्शन के लिए धारावाहिक रामायण बनवाया था। वे बोले कि, जब रामायण सीरियल दूरदर्शन पर चलता था तब बाजार बंद हो जाते थे। रामायण बेहद पवित्र ग्रंथ है। रामायण को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
बजरंग बली से बजरंग दल जैसे संवाद बुलवाए गए
सीएम बघेल बोले कि, बजरंगबली से वह बोलवाया जा रहा है जो बजरंग दल के लोग बोलते हैं। यह बहुत आपत्तिजनक है, मैं इसकी निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि, जो धर्म के ठेकेदार बनते हैं, वह इस मामले में मौन क्यों हैं। उन्होंने कहा कि, 10 ग्राम गांजा के बदले बॉलीवुड को दबाव में लाने की कोशिश की गई। ये सारी फिल्में उसी का परिणाम हैं। ‘द केरल स्टोरी’ और ‘कश्मीर फाइल्स’ लगा था तो बहुत से डायरेक्टर सामने आए थे। अब उन्हें सामने आकर ‘आदिपुरुष’ पर अपनी बात रखनी चाहिए। भाजपा के नेता कहां हैं जो तब बयान दे रहे थे।
दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल
इस फिल्म पर प्रतिबंध की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर फिल्म पर रोक लगाए जाने की मांग के साथ इस फिल्म को सेंसर बोर्ड की ओर से दिया जाने वाला सर्टिफिकेट को जारी न किए जाने का आदेश दिए जाने की भी मांग की गई है।
हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि इस फिल्म में भगवान राम द्वारा रामायण का मजाक उड़ाया गया है। इस फिल्म के जरिए हमारी संस्कृति का मजाक उड़ाया गया है। याचिका में मां सीता, श्रीराम, हनुमान और रावण से संबंधित कई ऐसे सीन हटाने की मांग की गई है। जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं हैं।
काठमांडू में बैन
उधर, नेपाल की राजधानी काठमांडू के सिनेमाघरों में पौराणिक फिल्म ‘आदिपुरुष’ का प्रदर्शन रोक दिया गया है। शहर के मेयर ने निर्माताओं से कहा है कि सीता के जन्मस्थान के बारे में गलती सुधारें और सही जानकारी दें। मेयर ने फेसबुक पर लिखा कि जब तक दक्षिण भारतीय फिल्म ‘आदिपुरुष’ में निहित ‘जानकी भारत की बेटी है’ लाइन न केवल नेपाल में बल्कि भारत में भी हटा दी जाती है, तब तक काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (एसआईसी) में कोई भी हिंदी फिल्म चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नेपाल के फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड ने भी कहा कि सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने की इजाजत तभी दी जाएगी, जब ‘सीता को भारत की बेटी’ बताने वाले डायलॉग को बदल दिया जाएगा। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सीता का जन्म जनकपुर में हुआ माना जाता है, जो नेपाल में स्थित है। शाह ने अपने फेसबुक पोस्ट में निर्माताओं से तीन दिनों के भीतर डायलॉग बदलने को कहा है।
अब जानिए, ‘आदिपुरुष’ पर कब-कब हुआ विवाद
आदिपुरुष के निर्माण की बात जब सामने आई थी, तब इसे लेकर फैंस में काफी उत्साह देखा गया था, लेकिन धीरे-धीरे जब बात टीजर और किरदारों के दृश्यांकन तक आनी शुरू हुई तो इसके साथ विवादों का सिरा जुड़ता चला गया। फिल्म आज से पहले भी कोर्ट का चक्कर लगा चुकी है।
ट्रेलर लॉन्च के बाद हुआ था विवाद
आदिपुरुष फिल्म का ट्रेलर लॉन्च होने के बाद विवाद खड़ा हुआ था जिसमें राम, सीता, हनुमान और रावण के किरदार एवं लुक पर कई संगठनों ने एतराज जताया था। इन सब विवादों के बाद ओम राउत ने फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ा दी थी।
वर्ष 2022 में मचा था बवाल
फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर विवाद वर्ष 2022 के आखिरी में ही शुरू हो गया था। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में न्यायिक मजिस्ट्रेट आशुतोष सिंह ने अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव की शिकायत पर फिल्म ‘आदिपुरुष’ के निर्माता ओम राउत, प्रभास, सैफ अली खान समेत पांच लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कहा गया था कि फिल्म के ट्रेलर में भगवान राम, सीता, हनुमान जी और रावण का अशोभनीय चित्रण किया गया है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है।
पोस्टर को लेकर की गई थी शिकायत
आदिपुरुष के नए पोस्टर के खिलाफ मुंबई हाई कोर्ट के एडवोकेट आशीष राय और पंकज मिश्रा के माध्यम से एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी। शिकायत में बताया गया था कि फिल्म निर्माता ने हिंदी धर्म ग्रंथ “रामचरितमानस” के पात्र को अनुचित तरह से दर्शाया है। बॉलीवुड फिल्म “आदिपुरुष” के नए रिलीज पोस्टर में हिंदू धर्म समाज के धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है। यह शिकायत भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (ए), 298, 500, 34 के तहत FIR दर्ज करने की मांग के साथ दर्ज करवाई गई।
शिकायत में बताया गया था कि बॉलीवुड फिल्म ‘आदिपुरुष’ फिल्म हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ “रामचरितमानस” मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जीवनी पर बनाई गई है। इस पवित्र ग्रंथ “रामचरितमानस” का सनातनी धर्म कई युगों से अनुसरण करते आ रहे हैं। हिंदू धर्म में “रामचरितमानस” में उल्लेख मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी एवं सभी पूजनीय पात्रों का विशेष महत्व है। शिकायतकर्ता ने बताया था कि बॉलीवुड फिल्म आदिपुरुष के रिलीज पोस्टर में रामायण के सभी एक्टर्स को बगैर जनेऊ धारण किए ही दिखाया गया है. जो कि गलत है।
रामायण से अलग दिखती है यह फिल्म
बताते चलें कि ओम राउत की बनाई रामायण एकदम अलग है। ‘आदिपुरुष’ में किरदारों के नाम भी अलग रखे गए हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम राम को राघव कहकर संबोधित किया गया है। वहीं, सीता का नाम जानकी और लक्ष्मण का नाम शेष बताया गया है। हनुमान को तो सब बजरंग बली कहते ही हैं।
वीएफएक्स भी बहुत कमजोर
जंगल में वनवास काट रहे राघव, जानकी और शेष कुटिया में नहीं, बलिक एक गुफा में रहते हैं। नदी में बांस की नाव बनाकर सैर करते हैं। फिल्म का VFX भी कमजोर है। एक सीन में आप राघव को जंगल में कुछ मायावी राक्षसों से लड़ते हुए देखेंगे, जो हैरी पॉटर फिल्मों में नजर आए Dementers यानी दमपिशाचों जैसे लगते हैं। राघव संग उनकी लड़ाई देखना रोमांचक कम और हास्यास्पद ज्यादा लगता है।
डायलॉग भी स्तरहीन
रावण की लंका सोने की कम काले पत्थर से बनी ज्यादा लग रही है। इसी के साथ फिल्म की सबसे बड़ी कमी उसके डायलॉग हैं। इंटरनेट की भाषा में इस समय जिन्हें ‘छपरी’ कहा जा रहा है।’आदिपुरुष’ के डायलॉग सुनकर आप खुद में शर्मिंदा महसूस करते हैं कि राघव, जानकी और रावण की कहानी में ये कैसी बातें कही जा रही हैं।
50 साल तक नहीं बनेगी ऐसी ‘रामायण’: प्रेम सागर
फिल्म रिलीज के बाद रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने भी एक वीडियो शेयर करके ‘रामायण’ पर अपनी दिल की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘पापाजी का जन्म ‘रामायण’ बनाने के लिए हुआ था, उन्हें ‘रामायण’ को फिर से लिखने के लिए इस धरती पर भेजा गया था।’ ‘वाल्मीकिजी ने इसे छंदों में लिखा था, तुलसीदासजी ने इसे अवध भाषा में लिखा था और पापाजी ने इसे इलेक्ट्रॉनिक युग में लिखा था।’ ‘रामानंद सागर की ‘रामायण’ एक ऐसा महाकाव्य था, जिसे दुनिया ने अनुभव किया है। इसे लोगों के दिलों से कभी नहीं निकाला जा सकेगा।’ वो कहते हैं कि ‘रामायण को जब पसंद किया गया, तो मैंने ऐसे ही पापा से पूछा कि कब तक ‘रामायण’ ऐसे लेवल पर रहेगी, उन्होंने कहा कि 50 साल तक ऐसी ‘रामायण’ नहीं बनेगी।’