नई दिल्ली। अग्निपथ स्कीम को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी बीच रविवार को तीनों सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. इसमें सेना की ओर से हिंसा करने वालों को साफतौर पर चेतावनी दी गई है कि अगर उनके खिलाफ FIR दर्ज होती है तो वह अग्निवीर नहीं बन सकेंगे.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि जब अभ्यर्थी आवेदन करेंगे, तो उन्हें यह उल्लेख करना होगा कि वह अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ करने वालों में शामिल नहीं थे.
सेना की ओर से कहा गया कि प्रदर्शन करने वाले कुछ लोगों को पता ही नहीं है कि आखिर ये योजना किया है, लेकिन उन्हें कुछ लोगों की ओऱ से उकसाया जा रहा है.
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि इस योजना पर पिछले दो साल से काम चल रहा था. इसकी हर बारीकी पर ध्यान दिया गया. हमने योजना में आयु सीमा 2 साल इसलिए बढ़ाई है क्योंकि युवाओं का दर्द समझा गया.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हम यंग आर्मी चाहते हैं. इस योजना अब वापस नहीं होगी. उन्होंने कहा कि योजना पर जो लोग सवाल उठा रहे हैं कि अग्रिवीर 4 साल बाद क्या करेंगे, तो हम साफ करना चाहते हैं कि हमारे देश की 85 इंडस्ट्री ने कहा है कि वह अग्निवीरों को लेना चाहते हैं, लेकिन ये रातों-रात संभव नहीं है.
अगर हम इंडस्ट्रियलिस्ट को इस योजना के बारे में पहले ही सब बता देते तो फिर उनके भी सवाल होते कि इन अग्निवीरों की क्या क्षमता होगी, प्रक्रिया का क्या बेस होगा, तो फिर इसमें भी काफी समय लग जाता, जो कि संभव नहीं था.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहली जरूरत अनुशासन की होती है, इसलिए युवाओं को शांत होकर योजना को समझना चाहिए. लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि निकट भविष्य में ‘अग्निवीर’ की संख्या 1.25 लाख हो जाएगी और 46,000 पर नहीं रहेगी जो कि वर्तमान आंकड़ा है.
सेना ने साफ किया है कि दो साल पहले नियमित सेना में भर्ती के लिए मेडिकल परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा मेडिकल परीक्षा से गुजरना पड़ेगा.
सरकार ने इस योजना की शुरुआत करते हुए मंगलवार को कहा था कि साढ़े सत्रह साल से 21 साल तक की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा, जबकि उनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा. नई योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्यकर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन एवं पेंशन बिल में कटौती करना है.
वहीं वायु सेना के कार्मिक प्रभारी एयर मार्शल सूरज झा ने बताया कि अब सारी रिक्रूटमेंट सिर्फ अग्निवीर के जरिए ही होगी. उम्र सीमा बढ़ा दी गई है, जो एलिजिबल हैं, उन्हें फिर से अप्लाई करना होगा. 2 साल की लंबी अवधि है, ऐसे में उन सब की फिर से स्क्रीनिंग होगी, इसके बाद ही उनका एयरफोर्स में चयन किया जाएगा.