बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर भिलाई में CM भूपेश, बोले-बाबा साहब के दिखाये रास्ते पर चलकर लोकतांत्रिक व्यवस्था की निरंतर मजबूती के लिए करें काम

भिलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज डॉ भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती के अवसर पर बुद्ध विहार सेक्टर 6 भिलाई पहुंचे थे। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के दिखाये रास्ते पर चलकर हमें लोकतांत्रिक व्यवस्था की निरंतर मजबूती के लिए कार्य करना है। उनके जैसा संघर्ष विरले की कर पाते हैं लेकिन कोशिश हम सभी कर सकते हैं कि उनके मूल्यों पर चलकर उनके दिखाये रास्ते पर चलकर अपने लोकतंत्र को सुदृढ़ करने निरंतर काम कर सकें।

यह संदेश मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बाबा साहब की 132 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही।
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौर में लोग आपस में असहमत हो सकते थे लेकिन आपस में असहमति का सम्मान करते थे। भारत में बाबा साहब अंबेडकर ने जो संविधान बनाया, उसमें सबकी सुनी गई और सबसे अच्छे आदर्शों को संविधान में शामिल किया गया। बाबा साहेब अंबेडकर ने अपना पूरा जन्म देश सेवा में लगाया। उन्होंने जो संविधान हमको दिया। बाबा साहब ने जो संविधान बनाया, उसमें अंतिम व्यक्ति की आवाज भी सुनाई देती है और उसका असर होता है। बाबा साहब अंबेडकर ने जो संघर्ष किया, उतना संघर्ष करने की क्षमता बहुत थोड़े से लोगों में होती है। हम इतना जरूरत कर सकते हैं कि उनके दिखाये हुए रास्ते पर चलें। बाबा साहब ने जो मंत्र दिया, उस रास्ते पर चलकर हमें देश को मजबूत करने की जरूरत है।

बाबा साहब हमेशा संगठित होने और शिक्षा पर जोर देते थे। उनका कहना था कि एक शिक्षित राष्ट्र ही महानता की ओर बढ़ता है। साथ ही प्रज्ञा और करुणा का उन्होंने संदेश दिया। जब आपके भीतर करूणा जगती है। प्रज्ञा जगती है तो आप बड़े उद्देश्यों के लिए उठते हैं और संगठित होते हैं। भारत में अंग्रेजों की नीति फूट डालो और राज करो की थी। बाबा साहब ने इस बात को समझा और समाज को संगठित होने संदेश दिया। आजाद भारत में हम इस उद्देश्य को लेकर बढ़े। खेती किसानी संबंधी सुधार किये। औद्योगिक परिदृश्य को बेहतर करने के लिए कार्य किया। आजादी के तुरंत बाद छत्तीसगढ़ में और प्रदेश के बाहर बड़े औद्योगिक कार्य किये।

भिलाई स्टील प्लांट को ही देख लीजिए। क्या हम इस योगदान को नकार सकते हैं। अगर हम इसे नकारेंगे तो अपने पूर्वजों का अपमान करेंगे जिन्होंने इतने श्रम से इस औद्योगिक मंदिर का निर्माण किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हमें संविधान की गरिमा को अक्षुण्ण रखने के लिए कार्य करना है। हमारे संविधान से ही हमारे लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती है। इसके लिए हमें काम करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने लगातार काम करें। बाबा साहब ने देश को लेकर जो सपने देखे, उन सपनों को मूर्त रूप देने के लिए निरंतर कार्य करते रहें। हमारे पुरखों ने जो आधुनिक देश की नींव रखी। उस नींव पर मजबूत इमारत बनाने का काम करें। इस मौके पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी अपना संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने संविधान निर्माता के रूप में देश को एक आदर्श संविधान दिया है। हमें निरंतर उनके दिखाये रास्ते पर चलना है। इस मौके पर भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, महापौर नीरज पाल, केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र साहू, अंत्यावसायी निगम की उपाध्यक्ष सुश्री नीता लोधी, संभागायुक्त महादेव कांवरे एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा अधिकारीगण उपस्थित थे।

पूरे देश के अधिकार के लिए लड़े ‘‘महामानव’’ डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकररू मुख्यमंत्री शिक्षा, एकता व संघर्ष बाबा साहब का मूल मंत्र

  • बौद्ध धर्म ग्रहण कर भगवान बुद्ध के प्रज्ञा करुणा और मैत्री भी किया प्रचार
  • अस्पृश्यता का उन्मूलन आवश्यक, मानवता समानता के अधिकार पर निर्भर
  • डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा किए गये सभी कार्य मील के पत्थर

दुर्ग 14 अप्रैल 2023/मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज डॉ भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती के अवसर पर सम्राट अशोक बुद्ध विहार भिलाई 3, सेंटर बैंक के समीप स्थल पर पहुंचे थे। जहां सर्वप्रथम उन्होंने सन् 1990 में समाज द्वारा स्थापित अष्टधातु से निर्मित बुद्ध प्रतिमा में अपना नमन अर्पित कर मंच की ओर प्रस्थान किया। मंच में मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रारंभिक शिक्षा से लेकर जीवन पर्यंत संघर्ष का उल्लेख किया। उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को जीवन पर्यंत समाज के आखिरी पायदान पर संघर्षरत व्यक्ति के लिए लड़ने वाला महामानव बताया। उन्होंने युवाओं को डॉक्टर अंबेडकर के शिक्षा, एकता व संघर्ष के मूल मंत्र को अपनाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा डॉक्टर अंबेडकर की जयंती पूरे विश्व में मनाई जाती है, उनके त्याग से सभी परिचित हैं। अंतिम समय में उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया और प्रज्ञा, करुणा व मैत्री का प्रचार प्रसार किया। उन्होंने जो जो कार्य किए सब मील का पत्थर साबित हुए। उन्होंने कहा आकृति एटा के उन्मूलन के लिए आवश्यक की संपूर्ण मानव जाति समानता के अधिकार का सम्मान करें।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर को बहुआयामी प्रतिभा का धनी बताया और संविधान निर्माण के पश्चात डॉक्टर अंबेडकर द्वारा बोले गए कथन को उपस्थित लोगों के बीच रखा जिसमें डॉक्टर अंबेडकर ने कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा हो लेकिन परिणाम इसे लागू करने वालले व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है। इसलिए मुख्यमंत्री ने अपने अंतिम वक्तव्य में उपस्थित सभी जनों से अपील की कि संविधान की रक्षा के लिए सब एक साथ आगे हैं और इसे बेहतर व सशक्त बनाए।

मुख्यमंत्री ने डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
पावर हाउस भिलाई चौक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की 40 वर्ष पूर्व की अष्ट धातु से निर्मित प्रतिमा में माल्यार्पण कर उसे नमन किया। इस अवसर पर ऑल इंडिया सेल एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील हरिचंद्र रामटेके एवं समाज के अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण उपस्थित थे।

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