भिलाई। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हमने विकास का ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ अपनाया है। इस मॉडल में गांव के साथ शहरों की अर्थव्यवस्था को भी गतिशील बनाए रखने के साथ ही सभी वर्गों के समावेशी विकास पर जोर दिया गया है। सुराजी गांव योजना से एक ओर जहां छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, वहीं गांव के साथ-साथ शहरों की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। उक्त बातें नवा रायपुर के एक निजी होटल में छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया थीम पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहीं।
आगे उन्होंने कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना जैसी अनेक नवाचारी योजनाएं लागू की हैं, वहीं वनांचलों के विकास पर भी फोकस किया है। सुराजी गांव योजना से खेतों के लिए सिंचाई का इंतजाम के साथ खेतों की उर्वरता सुनिश्तिता की गई हैं।
पशुधन के संरक्षण और संवर्धन से रोजगार के नए अवसर मिले हैं। सीएम ने माटी होही तोर चोला रे संगी’ और ‘चोला माटी के हे रे एकर का भरोसा… चोला माटी के हे रे’……….. गीत की पंक्तियां भी गुनगुनाया। इस दौरान सीएम का प्रकृति प्रेम और छत्तीसगढ़ की माटी से जुड़ाव की झलक भी दिखी।