दुर्ग। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस के तमाम नेताओं के बयान सामने आये है। इसी बीच युवा कांग्रेस लोकसभा दुर्ग के पूर्व अध्यक्ष अय्यूब खान का भी बयान सामने आया है। अय्युब खान ने कहा कि राहुल गांधी की सक्रिय राजनीति की शुरुआत 2003 मे हो गई थी, फिर देश मे 2004 आम चुनाव हुआ। जिसमे कांग्रेस प्रगतिशील गठबंधन की जीत हुई और बहुमत पाने के बाद भी केन्द्र मे बैठी बीजेपी को हटाकर कांग्रेस सत्ता में आयी। तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जगह राहुल गांधी केंद्रीय मंत्री बन सकते थे फिर भी उन्होंने मंत्री पद तक नही लिया था। राहुल गांधी ने कांग्रेस सरकार के बाहर रहते हुए, देश के कांग्रेस संगठन में काम किया और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के प्रभारी बने। जहां कांग्रेस हाशिये में चल रही थी। फिर 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रगतिशील गठबंधन को पहले से ज्यादा सीटों के साथ लोकसभा चुनाव में जीत मिली जिसमे उत्तर प्रदेश में गठबंधन ने सबसे ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया था। उस समय कई वर्षो के बाद कांग्रेस सबसे ज्यादा सीट जीती थी।

2009 के आम चुनाव में कांग्रेस जीत का महत्वपूर्ण योगदान राहुल गांधी को माना जा रहा था और प्रधानमंत्री बनाये जाने कि मांग तेजी से उठ रही थी। अगर वो चाहते तो बन भी जाते किसी कोई आपत्ति भी नही थी। कांग्रेस प्रगतिशील गठबंधन बहुमत मे थी परंतु राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पद और ना कोई भी केंद्रीय मंत्री पद लेने से साफ साफ मना कर दिया था।

बीजेपी इन्ही राहुल गांधी को खिलाफ कोर्ट का फैसला उसके बाद तत्काल में आनन फानन में सासंद पद कि सदस्यता को खत्म करना, ये बात को साबित करती है कि देश में बीजेपी सरकार द्वारा का विपक्ष को खत्म करने का परिचायक है मोदी सरकार सत्ता मोह में पागल हो गई और ये भुल गई कि देश के विकास और स्वच्छ लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष का होना जरूरी होता है ।

अय्यूब खान ने कहा सबसे निंदनीय और सोचने वाली बात ये है की भगोड़े ललीत मोदी और नीरव मोदी जिन्होंने हजारों करोड़ रुपए रुपए लेकर देश से फरार हो गये है इन्हें राहुल गांधी ने चोर कहां और इनको बचाने वालों को भी चोर कहा और इस बात में राहुल गांधी को सजा दी गई है। और सांसद पद से हटा दिया गया।

