दुर्ग। दुर्ग के दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्विद्यालय, दुर्ग के तत्वावधान में इस वर्ष से माता लक्ष्मी की विशुद्ध गोबर से निर्मित प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही विशुध्द गोमय (गोबर) से दीपक (दिया) का भी निर्माण किया जा रहा है। इस वर्ष गणेश उत्सव के लिए भगवान गणपति भी प्रतिमा का निर्माण संस्थान द्वारा किया गया था। जो अभी भी निरंतर से जारी है। इस प्रतिमा की विशेषता यह है कि यह पूर्ण रूप से किसी भी रासायनिक पदार्थों से रहित है।

विश्वविद्यालय ने जानकारी देते हुए बताया की:
विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कामधेनू पंचगव्य अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा विश्विद्यालय के कुलपति डॉ एन पी दक्षिणकर के मार्गदर्शन में यह कार्य सम्पन्न किया। इस मूर्ति के विभिन्न पहलुओं पर इसका परीक्षण किया गया और फिर इसे जनसामान्य के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इस मूर्ति की निम्न विशेषता है।
-यह पूर्ण रूप से शुद्ध देशी गाय के गोबर से निर्मित है।
-यह रासायनिक पदार्थो से मुक्त है।
-यह ईको फ्रेंडली है ।
-इस मूर्ति का विसर्जन आप अपने घर के ही किसी टब या बाल्टी में सकते हैं।

पानी से भरे टब या बाल्टी में रख देने से यह मूर्तियों एक घंटे से भी कम समय मे पूर्ण रूप से घुल जाएगी। जिसके बाद इस पानी को घर से पौधों पर सिंचित किया जा सकता है। चूंकि यह पूर्णतः रासायनिक पदार्थों से मुक्त है इसलिए आपके पौधों को किसी भी प्रकार से नुकसान नही पहुँचाती है।

इन विशेषताओं के अतिरिक्त और भी बहुत सी विशेषताओं से सुसज्जित होने की अनुपम कृति है जिसका धार्मिक और सामाजिक महत्व भी है। कामधेनु विश्वविद्यालय परिवार इस अनुसंधान से काफी प्रफ्फुलित है और आगामी भविष्य में कुलपति के निर्देशन में इस प्रकार के सामाजिक कार्यों के अनुसंधान को क्रियान्वित करने के लिए प्रयास करते रहेगें।

कामधेनु पंचगव्य अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ के एम कोले ने सतत रूप से पंचगव्य के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य करने के लिए उत्साहित रहते है और इस अनुसंधान से काफी आशान्वित है। संस्थान के डॉ राकेश मिश्र को कुलपति ने एक टीम का गठन कर इस कार्य को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी दी और कुलपति के आशा के अनुरूप यह कार्यसिद्धि सम्पन्न हो पायी । इस सम्बंध ज्यादा जानकारी के संस्थान के निदेशक डॉ के एम कोले और डॉ राकेश मिश्र से प्राप्त कर सकते है। निर्मित प्रतिमाओं की जीवन्त प्रदर्शनी विश्वविद्यालय के अंजोरा परिषर में उपलब्ध है, जिसे आप आकर माता लक्ष्मी जी की प्रतिमा, गणेश भगवान की प्रतिमा और दिया को अपने घर ले जा सकते है।


