नॉन एनजीसीएस यूनियन के प्रतिनिधियों की बैठक: पे-स्केल, एचआरए, एरियर, रात्रि भत्ता, छुट्टी नगदीकरण पर की मांग… सांसद डोला सेन ने किया नेतृत्व, देशभर के यूनियन पदाधिकारियों ने दी सहभागिता

भिलाई। केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह से आज उद्योग भवन में हुई पूरे सेल के विभिन्न यूनिट के नॉन एनजीसीएस यूनियन के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसका नेतृत्व सांसद डोला सेन ने किया। इसमें बीएसपी वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष उज्जवल दत्ता, लेबर लिबरेशन फ्रंट महासचिव के रवि चंद्रन, उड़ीसा रॉलकेला स्टील प्लांट के उपाध्यक्ष संजय कुमार पंडा, झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरुबुरु आयरन और माइंस के सचिव सुनील कुमार पासवान, YSR स्टील एम्प्लॉय कांग्रेस यूनियन महासचिव वाय मस्तान अप्पा, दुर्गापुर स्टीलत प्लांट मजदूर यूनियन महासचिव जयंतो रक्षित, मिश्र इस्पात वर्कर्स यूनियन महासचिव कंचन रॉय, सेल सीएमओ एम्प्लॉय एसोसिएशन महासचिव चंचल भट्टाचार्य ने हिस्सा लिया।
बैठक में सारे सेल यूनिट की तरफ से एक पत्र सांसद सेन ने केंद्रीय मंत्री सिंह को सौंपा और उसके बाद विभिन्न यूनियन ने भी कर्मियों की समस्या के संबंध में पत्र केंद्रीय इस्पात मंत्री को सौंपा।

इसमें प्रमुख रूप से मांग रखी गई की
सेल में कार्यरत एनजेसीएस समिति को री स्ट्रेक्टर किया जाए। वर्तमान में एनजेसीएस समिति के साथ कर्मचारी नहीं है और इसके सदस्य सभी गैर कर्मचारी हैं, जिन्होंने मात्र कर्मियों का नुकसान ही किया है। अब समिति के रिफॉर्मेशन की जरूरत है। इसमें मात्र कर्मचारी हो और सभी यूनियन को प्रतिनिधित्व मिले। सेल कर्मचारियों के वेज रिवीजन में पक्षपात हुआ है और उन्हें भी अधिकारियों की तरह ही 35 प्रतिशत पार्क्स मिलना ही चाहिए। वेज रिवीजन के नाम पर सेल मैनेजमेंट और एनजेसीएस युनियनों के बीच सिर्फ आधा अधुरा MOU हुआ। सभी सेल कर्मचारियों को ओपन एंडेड पे-स्केल, एचआरए, एरियर, रात्रि भत्ता, छुट्टी नागदीकरण पर जल्द निर्णय लिया जाए। सेल कर्मचारियों के वेतन समझौते के MOU होने के बाद भी 5 महीनों होने पर भी अंतिम वेतन समझौता न होने से सेल कर्मचारियों के 63 महीनों से लंबित मुद्दों का निराकरण नहीं हो पाया है। इसकी वजह से हम सेल कर्मचारियों को बहुत आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। आज सेल अभूतपूर्व लाभ में है। चालू वित्तीय वर्ष के सिर्फ 9 महीनों में ही सेल ने 9597 करोड़ रुपयों का लाभ कमाया है। इसके साथ-साथ 16222 करोड़ रुपयों का कर्जा भी कम किया तथा सेल ने सरकार को एडवांस में 1557 करोड़ रुपयों का लाभांश दिया है। भीषण कोरोना काल में सेल को इतनी अच्छी वित्तीय लाभ की परिस्थितियों में लाने वाले हम सेल कर्मियों की जायज मांगों को शीघ्र अतिशीघ्र पूरा करवाकर अधिक उत्साहवर्धन करें। इसका लाभ सेल को भविष्य में होने वाले विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण के प्रोजेक्ट में होगा।
सेल के विभिन्न यूनिटों को निजीकरण नहीं किया जाए।
अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन व सुविधान के अंतर को कम किया जाए।
कर्मियों के बचा हुआ एरियस जल्द दिया जाए।
ओपन इंडेड पे स्केल किया जाए।ग्रेज्यूटी सिलिग को तत्काल समाप्त किया जाए।
कर्मचारी को जानबूझ कर चिन्हित कर बोकारो से एक एवम भिलाई से दो कर्मियों जो स्थानांतरित किया गया है उसे जल्द वापस लाया जाए।
ठेका श्रमिको को केंद्र सरकार का निर्धारित वेतन दिया जाए।
कर्मचारियों को भी पेंशन में 2012 से पेंशन अशदान 9 प्रतिशत दिया जाए।
कोरोना काल में मृत कर्मियों के आश्रित को अविलंब अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए। 13% एमजीबी और 26.5% वैरियेबल पर्क्स की जगह बीएसपी सहित सभी सेल कर्मियों को अधिकारियों की तरह ही 15% एमजीबी और 35% वैरियेबल पर्क्स का लाभ दिया जाए।
सभी कर्मियों के पे स्केल को ओपन इंडेड किया जाय या फिर पे-स्केल को बढ़ाकर इतना कर दिया जाए कि सभी कर्मियों को वार्षिक तथा प्रोमोशनल इंक्रीमेंट के पुरे 3% का वास्तविक लाभ मिलें।
सभी कर्मियों को 39 महीनों का बकाया एरियर दिया जाए।
सब ब्लाक ईयर 2021-23 का एलटीए-एलटीसी वापस लेने के एवज में सभी कर्मियों को 1 अप्रैल 2021 से वैरियेबल पर्क्स का भी एरियर दिया जाए।
ग्रेच्युटी सीलिंग को स्वैच्छिक रखा जाए। इससे वरिष्ठ कर्मियों को रिटायरमेंट के समय लाखों रुपयों की क्षति नहीं होगी। जो कर्मी अपना ग्रेच्युटी सीलिंग रखना चाहते है उन्हें बीते वित्तीय वर्षो का ब्याज सहित 9% अंशदान सेल पेंशन काॅरपस में दिया जाए। सभी बीएसपी कर्मियों को उनकी शैक्षणिक योग्यता और कार्यानुभव के आधार पर सम्मान जनक पदनाम दिया जाए।
डिप्लोमा इंजिनीयर्स को पीएसयु की तरह जुनियर इंजिनीयर पदनाम दिया जाए। सभी कर्मियों का अधिकारियों की तरह ही एचआरए और छुट्टियों को बढ़ाया जाए।
रात्रि पाली भत्ता को कम से कम 300 रुपये बढ़ाया जाए।
ड्रेस भत्ता तथा मोबाइल भत्ता की शुरुआत किया जाना चाहिए।
आफिसरों की तरह ही कर्मियों को भी फर्निचर, लैपटॉप और मोबाइल एडवांस दिया जाए।आवास, बिजली, पानी, कैंटिन, बच्चों की शिक्षा आदि पर मिलने वाली सब्सिडी जारी रखी जाए। सब्सिडी कटौती संबंधित आदेश वापस लिया जाए।
श्रम पुरस्कृत कर्मियों को E0 की लिखित परीक्षा में सभी अवस्थाओं में अतिरिक्त 5% का लाभ दिया जाए। वर्तमान में लिखित परीक्षा में 60% से कम होने पर ही अतिरिक्त 5% दिया जाता है।

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