भिलाई: कानन पेंडारी जू से मैत्रीबाग में बार्किंग हिरण लाया गया है। खाली पड़े मगर के बाड़े में भी हलचल बढ़ गई है। एक मगर का जोड़ा लाया जाना था, जिसमें से एक पहुंच गया है। नए मेहमानों के आने से पर्यटकों की चहल-पहल बढ़ रही है। आने वाले कुछ दिनों में शेष वन्य प्राणियों की आमद होगी।
यह वन्यप्राणी विनिमय, सेंट्रल जू ऑथोरिटी द्वारा प्राप्त अनुमति के अंतर्गत भिलाई के मैत्री बाग जू एवं बिलासपुर के कानन पेंडारी जू के मध्य किया गया।
जिसके तहत 20 सांभर के बदले उपरोक्त वर्णित जानवरों को लाया गया। जिसमें शेष बचे एक मादा मगरमच्छ को कानन पेंडारी जू की टीम द्वारा, तब मैत्री बाग जू लाया जायेगा जब इन 20 सांभरों को भिलाई से बिलासपुर ले जाया जायेगा। मैत्री बाग में इस मादा मगरमच्छ को इस महीने के अंत तक लाना अनुमानित है।
साथ ही मैत्री बाग जू प्रबंधन द्वारा 1 जोड़ी भालू, 2 ऑस्ट्रिच तथा 1 जोड़ी मोर को भिलाई लाने हेतु सेंट्रल जू ऑथोरिटी को प्रस्ताव भेजा गया है। यह सभी जानवर 20 सांभरों के विनिमय में ही शामिल है। वन्यजीव विशेषज्ञ, भिलाई मैत्री बाग प्रभारी एवं महाप्रबंधक (उद्यानिकी) डॉ एन के जैन ने यह जानकारी दी, कि सेंट्रल जू अथॉरिटी के मार्गदर्शन अनुसार ही इन वन्यप्राणी विनिमय की जाती है।
लाये गये इस 10 वर्ष के नर मगरमच्छ की लम्बाई 8 से 9 फिट है, जो एक साल्ट/फ्रेश वाटर क्रोकोडाइल है। यह मस्क क्रोकोडाइल की तुलना में काफी लंबा और वजनी होता है। साल्ट/फ्रेश वाटर क्रोकोडाइल ज्यादातर पानी में रहना पसंद करते हैं और ठंड के मौसम में ग्रास्पिंग करने पानी से बाहर आकर धूप में बैठते हैं। कभी कभी यह काफी लंबे समय (3-4 घंटे) के लिए धूप में रहना पसंद करते हैं। इनकी औसत आयु 40-50 वर्ष की होती है।
बार्किंग डियर, जो हिरणों की सबसे छोटी प्रजाति है, अपने आसपास शेर या तेंदुआ होने पर कुत्तों की तरह आवाज निकलकर अपने अन्य साथियों को सतर्क करते हैं। इनकी केनाइन टिथ काफी बड़े होते हैं, जिसके कारण कभी कभी ये आपसी लड़ाई में अपने साथियों को घायल भी कर देते हैं। मैत्री बाग में लाये गए बार्किंग डियर की आयु 5-6 वर्ष है। इनकी औसत आयु 10-12 वर्ष की होती है।