दुर्ग-भिलाई। दुर्ग जिले में निषाद समाज संघ ने दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा को ज्ञापन सौंपा है। संघ ने शहीद विश्राम मांझी के नाम से मछली मार्केट कैम्प-2 का नामकरण किया जाने की मांग रखी है। गौरतलब है की निषाद समाज के लोग मछली मार्केट केम्प 2 भिलाई में विगत 45-50 वर्षों से मछली विक्रय करने का व्यवसाय कर रहे है। बीते दिनों हुए भिलाई नगर निगम के सामान्य सभा में विरोध के बीच कांग्रेस ने मछली मार्केट नामकरण के प्रस्ताव को बहुमत से पारित कर दिया था।

निषाद समाज संघ ने जानकारी देते हुए बताया कि, समय-समय पर हम शासन के सहयोग से मछली मार्केट का व्यवस्थापन एवं समूचित व्यवस्था कराते रहे है। हम समस्त लोग मल्लाह, निषाद, केवट तथा मांझी जाति के सदस्य है तथा हमारा व्यवसाय एवं जातिगत पेशी मछली मारने एवं बेचने का व्यवसाय है। हमारे जाति समाज का शहीद विश्राम मांझी बस्तर मे नक्सलियों से मुठभेड में शहीद हुआ था।

निषाद समाज संघ ने कहा कि, “हम लोगों की 16 वर्षों से निरन्तर मांग है कि शहीद विश्राम मांझी के नाम से मछली मार्केट कैम्प-2 का नामकरण किया जाए। परन्तु वर्तमान में शासन द्वारा केम्प-2 मछली मार्केट का नामकरण स्वर्गीय गफ्फार के नाम से राजनितिक प्रभाव से नगर पालिक निगम भिलाई द्वारा किया गया है। जिस पर हमारे समाज का घोर आपत्ति है। स्वर्गीय गफ्फार के नाम से मछली मार्केट का नामकरण करने का कोई आधार नहीं है। ऐसी स्थिति में स्व. गफ्फार के नाम से किये गये नामकरण को तत्काल निरस्त कर शहीद विश्राम मांझी के नाम से मछली मार्केट का नामकरण किया जाए है।”

निषाद समाज संघ ने कहा कि, “स्व. गफ्फार के पुत्र मन्नान खान के द्वारा अपने समाज के लोगो के साथ मिलकर पूर्व प्रधानमंत्री भारत सरकार, भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का पुराना बी.एस.पी कॉपरेटिव के पास मूर्ति लगाने का विरोध किया गया था क्योंकि पार्षद मन्नान खान अपने पिता स्व. गफ्फार खान की मूर्ति लगाना चाहता था, वहाँ विरोध होने पर राजनैतिक प्रभाव से मछली मार्केट का नामकरण स्व. गफ्फार खान के नाम से करवा दिया जो समाज हित में नहीं है।”

निषाद समाज संघ ने जिला कलेक्टर से निवेदन किया है कि मामले की गंभिरता को देखते हुए हस्तक्षेप किया जाए। स्व. गफ्फार खान के नाम से मछली मार्केट का नामकरण निरस्त कराया जाये एवं मछली मार्केट का नाम शहीद विश्राम मांझी के नाम से नामकरण किया जाने की आग्रह किया है।


