भिलाई। दुर्ग पुलिस के नए कप्तान पहले ही दिन एक्शन मोड पर नजर आए। आईपीएस जितेंद्र शुक्ला ने आज ही दुर्ग एसपी का चार्ज लिया और शाम तक एक पुलिस आरक्षक को बर्खास्त भी कर दिया। बर्खास्त हुए पुलिस आरक्षक का कनेक्शन महादेव बुक से बताया जा रहा है। विभागीय जांच चल रही थी। आपको बता दें कि, एसपी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर एक आरक्षक अर्जुन सिंह यादव को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। आरक्षक के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी, जिसके आधार पर 27 फरवरी 2023 को दुर्ग आरआई की तरफ से आरोप पत्र जारी किया गया था। आरोप पत्र की तामिली 8 मार्च 2023 को करायी गयी। लेकिन आरक्षक की तरफ से इस संदर्भ में कोई जवाब नहीं दिया गया। अर्जुन यादव महादेव एप घोटाले का भी आरोपी है। उसका एक भाई भीम यादव भी महादेव एप मामले में जेल में बंद हैं।
बाद में विभाग ने आरोप पत्र का रिमाइंडर भेजा, तो आरक्षक ने ये कहकर जवाब भेजा, कि उसका स्वास्थ्य खराब है। जवाब संतोषप्रद नहीं होने की वजह से विभागीय जांच की कार्रवाई के लिए डीएसपी पुलिस लाइन निलेश द्विवेदी की अगुवाई में टीम बनायी गयी। निलेश द्विवेदी के ट्रासफर के बाद डीएसपी चंद्रप्रकाश तिवारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया।
विभाग की तरफ से आरक्षक को कई बार अपने पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा गया, लेकिन आरक्षक ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद 27 अक्टूबर 2023 जांच की नस्ती भेजी गयी। जिसमें सभी आरोप प्रमाणित पाये गये। बर्खास्तगी की संभावना के बीज पिछले साल 2 नवंबर 2023 को आरक्षक अर्जुन यादव ने ड्यूटी से गायब रहने की वजह को स्वास्थ्य का खराब होना बताया। साथ ही आवेदन देकर ये अनुरोध किया गया, उसे छोटी मोटी सजा देकर मानवीय दृष्टिकोण से प्रकरण का निराकरण कर दिया जाये।
जांच कमेटी ने ने आरक्षक के जवाब पर विचार किया, जिसमें पाया कि खराब स्वास्थ्य की जानकारी आरक्षक ने समय रहते नहीं दी थी। स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेज भी उसने जमा नहीं कराया था। विभाग ने पाया कि आरक्षक अर्जुन यादव आदतन गैर हाजिर रहने वाला पुलिसकर्मी है। 2006 में उसकी बहाली हुई थी, उसे अपने कार्यकाल में तीन बार ऐसे मामले में दोषी पाया गया है। जितेंद्र शुक्ला ने आज चार्ज लेते ही पुराने प्रकरणों की फाइलें मंगायी और फिर बड़ा एक्शन लेते हुए अर्जुन यादव को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया।