भिलाई। भिलाई में एनजेसीएस युनियनों सहित 2-3 लोकल युनियनों के दो दिवसीय वार्षिक पर्व रुपी हड़ताल में बीएसपी वर्कर्स यूनियन शामिल नहीं हुआ। बीएसपी और सेल संबंधी मुद्दे ना होने पर सभी बीएसपी वर्कर्स ने भी इस हड़ताल को नकारा। बीएसपी वर्कर्स युनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने कहा कि सभी बीएसपी वर्कर्स अब समझ चुके है कि सेल प्रबंधन के विरोध में नाकाम रही युनियनों का सरकार के विरुद्ध हड़ताल मात्र छलावा है।
पिछले दो दशक में निरंकुश सेल मैनेजमेंट द्वारा सभी बीएसपी कर्मियों के वेतन समझौते में देरी करने और फिर एमजीबी एवं वैरियेबल पर्क्स में कैंची चलाने, सुविधाओं को कम करने, ग्रेच्युटी सीलिंग आदि को मौन सहमति देने वाली एनजेसीएस युनियनों के हड़ताल रूपी ढोंग से सब वाकिफ हैं और इनके इस ढोंग के वजह से कोई भी बीएसपी कर्मी अपना दो दिन का वेतन कटवाना नहीं चाहता।
बीएसपी वर्कर्स युनियन और सभी बीएसपी वर्कर्स निम्नलिखित कारणों से हड़ताल में शामिल नहीं हुए :-1. दो दिवसीय हड़ताल में भिलाई इस्पात संयंत्र एवं सेल कर्मियों की कोई भी मांग शामिल नहीं है। यह हड़ताल मात्र केंद्र सरकार के खिलाफ है तथा पूर्णत राजनैतिक है, इससे कर्मचारियों का कोई लेना देना नही है।
2. 2014 में इन्ही हड़ताली यूनियन (जो एनजेसीएस के सदस्य भी है) ने नए कर्मियों के ग्रेच्युटी सीलिंग पर हस्ताक्षर किया था। जिस कारण नए कर्मियों का ग्रेच्युटी सीलिंग हुआ। 3. जब पूरे सेल एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मी एकजुट होकर 30 जून 2021 को वेज रिवीजन जल्द कराने, 15% एमजीबी और 35% वैरियेबल पर्क्स की मांग के साथ हड़ताल की घोषणा किया और पूरे सेल में पहली बार एक साथ जबरदस्त हड़ताल हुआ
, तब भिलाई इस्पात संयंत्र की तत्कालीन मान्यता प्राप्त यूनियन ने हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया, वरन इसे तोड़ने का प्रयास किया। इनके महासचिव के रिटायरमेंट का आखरी दिन होने के बावजूद मात्र बीएसपी कर्मचारियों को चिढ़ाने के उद्देश्य से डिपार्टमेंट में काम कर हड़ताल को तोड़ने का प्रयास किया। फिर आज किस मुंह से कर्मियों से हड़ताल की मांग कर रहे है।
4 . वेज रिवीजन का एमओयू अभी तक पूरा नहीं हुआ है और ये यूनियन जिन्होंने एनजेसीएस की बैठक में हस्ताक्षर किया है और कुछ ने मौन स्वीकृति दिया है। आज एमओयू होने के पहले ही कैसे कह रह है की कर्मियों का ग्रेच्युटी सीलिंग हो चुका है। इससे स्पष्ट हो रहा है की इन्होंने बैठक में कर्मचारी विरोधी ग्रेच्युटी सीलिंग एवं अन्य विषय पर हस्ताक्षर कर पूर्ण सहमति दे दिया है। और अब अपनी साख बचाने के लिए हड़ताल का नाटक कर रहे है।
5. कुछ कर्मचारियों को अधिकारी बनने के लिए E-0 परीक्षा देने का अवसर अभी मिलने वाला है। जान बूझ कर इस परीक्षा के पहले हड़ताल का नाटक किया जा रहा है जिसमें यदि कोई भी प्रतिभागी कर्मचारी इनके चलते ड्यूटी न आ पाया तो उसके जीवन में अधिकारी बनने का अवसर चले जाए। इसके लिए ये यूनियन जिम्मेदार होगी।
6. संसद में पूछे गए सवाल में की “सेल एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के वेज रिवीजन में अधिकारियों और कर्मचारियों के वेज बढ़ने दर में इतना अंतर क्यों है? इसके उत्तर में माननीय केंद्रीय इस्पात मंत्री ने स्पष्ट कहा कि इसके लिए सेल में कार्यरत एनजेसीएस यूनियन जिम्मेदार है। इससे बड़ा इन एनजेसीएस यूनियन के नाकामी का स्पष्ट प्रमाण क्या होगा।
7. करोना में मृत कर्मियों के आश्रित को नौकरी देने के लिए जब मांग किया गया तो सेल द्वारा जानकारी दी गई कि इन्हीं मान्यता प्राप्त यूनियन ने मात्र चार बीमारी केंसर,किडनी,हार्ट, और पागलपन के लिए ही नौकरी मिलने का प्रावधान पर हस्ताक्षर किया हुआ है। जिस कारण करोना एवं अन्य बीमारी से मृत कर्मियों के परिवार को नौकरी नहीं मिल पा रहा है।
8. कई बैठको के बाद भी आज तक पेंशन पर इन एनजेसीएस यूनियन ने कोई फैसला नहीं लिया वरन जब पेंशन बढ़ाने की बात हुई तो एनजेसीएस की बैठक में कहा गया कि चुकि कर्मियों के ग्रेच्युटी असीमित है, इसीलिए पेंशन में अंशदान नहीं बढ़ेगा। परंतु बाद में ग्रेच्युटी भी सीलिंग कर दिया गया। जिसके कारण न हमारा पेंशन बड़ा और ग्रेच्युटी भी सीलिंग हो गया। इस तरह कर्मियों पर दोहरी मार पड़ी है।
9. डिप्लोमा इंजीनियर्स को जुनियर इंजिनीयर पदनाम का मुद्दा भी इन्ही नाकाम और दोगली एनजेसीएस युनियनों ने सब कमिटी में रोक रखा। इसके अन्य कर्मियों को भी उनके योग्यता और कार्यानुभव के आधार पर सम्मान जनक पदनाम के मुद्दे पर यही हड़ताली यूनियन पूर्णतः जिम्मेदार है।
10. कर्मियों के भर्ती में S-6 वाले को S-3 में एवं S-3 वाले को S-1 में करने के लिए हस्ताक्षर इन्हीं एनजेसीएस ने किया है।
11. साथियों आपको याद होगा जब समस्त नए कर्मियों ने वेजरीविजन की मांग को लेकर टुल-डाऊन किया गया था, जिसमें 14 कर्मी सस्पेंड हुए छः कर्मी ट्रांसफर कर दिए गए उसके लिए जिम्मेदार कौन है? सबको जानकारी है पहले ट्रांसफर हुए कर्मी वापस लाओ फिर हड़ताल की बात करो।
बीएसपी वर्कर्स युनियन अध्यक्ष ने इसके आगे कहा कि अब सेल के समस्त यूनिटों के ऐसे यूनियन जो राष्ट्रीय संगठनों से जुड़े नहीं है, ने आपस में मिल कर नॉन एनजेसीएस का गठन कर लिया है और इस संगठन के बनते साथ की केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने इसके प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सभी कर्मियों के मुख्य समस्याओं पर बिंदुवार चर्चा कर इसके निराकरण के लिए पूर्णतः आश्वस्त किया है तथा सेल की किसी यूनिट को प्राइवेट न करने को स्पष्ट माना है। यह समस्त कर्मचारियों की जीत है। नॉन एनजेसीएस फोरम बनने से अब एनजेसीएस के गलत कर्मचारी विरोधी एजेंडों पर लगेगी रोक।
दत्ता ने कहा कि विगत वर्ष लगातार 6 दिनों तक चलीं वेज रिवीजन संबंधी वर्चुअल मीटिंग में सेल मैनेजमेंट के ताल मटोल के वजह से हुई 30 जून की हड़ताल में बीएसपी वर्कर्स युनियन भी शामिल था, क्योंकि यह हड़ताल सेल स्तर पर केवल सेल से जुड़े मुद्दों पर हुई थी। आगे भी हड़ताल में हम भी रहेंगे शामिल रहेंगे अगर उसमें बीएसपी तथा सेल संबंधी मुद्दे हो, हड़ताल सिर्फ सेल स्तर पर हो, 22 अक्टूबर को कर्मचारी विरोधी MOU किए हो, उसे वापस लें और सभी नाकाम एनजेसीएस युनियन एनजेसीएस से इस्तीफा देकर इसे भंग करें और एक नए प्रकार से बीएसपी कर्मियों के हितों की रक्षा के लिए लड़े।