भिलाई। छत्तीसगढ़ की जड़ीबूटियां अब एलोपैथिक दवाइयों के इजाद में काम आएंगी। बीमारियों और उनकी रोकथाम के अब फार्मा इंडस्ट्रीज का रुझान हर्बल की तरफ है, जो मरीज को साइड इफेक्ट से बचाएगा। यह बातें शनिवार को दिल्ली की जामिया हमदर्द के प्रोफेसर डॉ. सोहेल परवेज ने कहीं। वे संतोष रूंगटा कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस एंड रिसर्च में डीएसटी स्तुति के हैंडऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम में बोल रहे थे।


उन्होंने फार्मेसी के स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए कहा कि फार्मेसी की फील्ड आपको जितना अच्छा रोजगार देगी, उतना इससे सम्मान भी पाएंगे। इसमें शोध करके आप मानव जीवन को बेहतर बना पाएंगे। कार्यक्रम में रूंगटा गु्रप चेयरमैन संतोष रूंगटा ने स्टूडेंट्स ने कहा कि फार्मेसी का प्रोफेशन चुना है, इससे खुद पर गर्व करना चाहिए। हमेशा अपने प्रोफेशन पर भरोसा रखना। यही प्रोफेशन आपको बड़ी उपलब्धि दिलाएंगे।



कार्यक्रम के पहले दिन विशिष्ठ अतिथि रविवि फार्मेसी विभाग की प्रोफेसर डॉ. मंजू सिंह शामिल हुईं। उन्होंने प्रोफेसर सोहेल और जामिया हमदर्द के इस विजन को आगे बढ़ाने में मदद करने का भरोसा दिलाया।

रूंगटा फार्मेसी के डायरेक्टर डॉ. डीके त्रिपाठी ने फ्यूचर फार्मेसी पर अपनी बात रखी। फार्मेसी का यह भव्य कार्यक्रम भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय के सहयोग से हो रहा है। इसके लिए रूंगटा फार्मा को विशेष ग्रांट दी गई है।

इसमें शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों को एक्सपर्ट से दवाइयों के क्वालेटेटिव एंड क्वांटीटेटिव आंकलन पर चर्चा होगी। शामिल हो रहे प्रतिभागियों को आधुनिक मशीनों के साथ उनको उपयोग करने के तरीके और उससे जुड़ी अहम जानकारियां दी जाएंगी। 30 सितंबर तक यह कार्यशाला चलेगी।

जिसमें देश के नामी वैज्ञानिक शामिल हो रहे हैं। इसके रिसोर्स पर्सन डॉ. उमेश गुप्ता है। कार्यक्रम का समन्वयन डायरेक्टर आरएंडडी डॉ. एजाजुद्दीन कर रहे हैं। जिसमें प्रोफेसर मुकेश शर्मा और कुशाग्र नागोरी का सहयोग है।
