भिलाई। राजेंद्र अरोरा ने छत्तीसगढ़ शासन के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को पीएम श्री स्कूल योजना के अंतर्गत करने के फैसले को लेकर बयान जारी किया हैं। उन्होंने कहा कि, इस फैसले का हम सब स्वागत करते है। कुछ लोग इसे व्यर्थ विवाद के विषय बना रहे हैं। उनसे मेरा विनम्र अनुरोध है की पीएम श्री स्कूल में केंद्र सरकार के द्वारा अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस के लिए राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही नई शिक्षा नीति 2020 के तहत आधुनिक पढ़ाई की जाएगी, लेकिन कांग्रेस के कुछ ऐसे साथी जिन्हें शिक्षा के विषय में और न नहीं नई शिक्षा नीति 2020 के विषय में कोई जानकारी है वे विवाद का विषय बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि, जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2000 घोषित हुई तो आज तक कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में लागू नहीं कर पाई जो उनके शिक्षा के प्रति मानसिकता को दर्शाता है। इसके साथ ही स्वामी आत्मानंद स्कूल कोई नया स्कूल नहीं बनाया गया। यहां तक की छत्तीसगढ़ में 2016 से संचालित सीबीएसई अंग्रेजी माध्यम स्कूल सेक्टर 6 और बालाजी नगर को भी स्वामी आत्मानंद स्कूल में बदल दिया गया, जिसे प्रेम प्रकाश पांडे ने प्रारंभ कराया था और बाकी शासकीय स्कूलों को ही कलेक्टर की समिति बनाकर अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बदल गया, अगर समिति संचालन कर रहे थे तो समिति के अपनी व्यवस्था होती है जो विद्यालय संचालित करें लेकिन इन्होंने ऐसी कोई व्यवस्था प्रवधान नहीं की वहां के शिक्षक को व संसाधनों की व्यवस्था कैसे होगी आज जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तो वह चिंतित है कि अगर समिति के द्वारा संचालित स्कूल है तो शासन कैसे फंड की व्यवस्था कर सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि, इसलिए जरूरी है की इन शासकीय विद्यालयों को फिर से शासकीय विद्यालय में परिवर्तित किया जाए और नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पढ़ाई का संचालन किया जाए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के नाम को लेकर कुछ लोग विवाद उत्पन्न कर रहे हैं की स्वामी आत्मानंद नाम न हटाया जाए यह ऐसे लोग हैं जिनको बोलने का अधिकार नहीं है क्योंकि पूर्व से ही विद्यालय के नाम महापुरुषों के नाम से रखे गए थे उनके आगे स्वामी आत्मानंद लगाया गया जैसे दुर्ग जिले के झाड़ू राम देवांगन बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दुर्गा के आगे स्वामी आत्मानंद झाड़ू राम देवांगन बहुउद्देशीय स्कूल दुर्ग पाटन के दर्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पाटन के आगे स्वामी आत्मानंद लगा दिया गया।

उन्हों कहा कि, इसी तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू स्कूल खुर्सीपार भिलाई के आगे स्वामी आत्मानंद जोड़कर स्कूल के नाम को परिवर्तित किया गया तो नाम बदलने की परंपरा की शुरुआत कांग्रेस से स्वयं की यहां तक के कांग्रेस पार्टी के पंडित जवाहरलाल नेहरू को भी नहीं छोड़ा तो इस तरह से उन्हें बोलने का अधिकार नहीं है के स्वामी आत्मानंद का नाम परिवर्तीतना किया जाए क्योंकि स्वयं यह परिवर्तित किया है पूरे छत्तीसगढ़ के स्कूलों का नाम बदलकर स्वामी आत्मानंद किया जाना ठीक नहीं है क्योंकि यह स्कूल है कोई नया स्कूल नहीं बना बल्कि छत्तीसगढ़ में पूर्व संचालित शासकीय स्कूलों , के नाम को बदला गया है इस तरह से पुनः शासकीय स्कूलों की गरिमा को वापस लाना है नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अध्यापन करना है इसलिए जरूरी है की इन स्कूलों को पीएम श्री स्कूल में परिवर्तित किया जाए।


