भिलाई। आज से 29 जुलाई तक सरकारी दफ्तरों में होने वाले काम आपके अटक सकते हैं। सरकार द्वारा डी ए और एच आर ए जैसे अपने मौलिक अधिकार का हनन किये जाने के विरोध में दुर्ग जिला के जुझारू कर्मचारी- अधिकारी 25 जुलाई से 29 जुलाई तक कलम बंद काम बंद हड़ताल करेंगे।
फेडरेशन के दुर्ग संभाग प्रभारी राजेश चटर्जी, जिला संयोजक विजय लहरे एवं प्रवक्ता अनुरूप साहू ने जानकारी दिया कि केंद्र के समान देय तिथि से 34 % महँगाई भत्ता एवं सातवे वेतन में गृहभाड़ा भत्ता के लिए फेडरेशन के आव्हान पर हिंदी भवन के सामने कर्मचारी अधिकारी धरना प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 34 % डी.ए मिल रहा है जबकि राज्य में डी.ए. 22 % है।जोकि 1 मई 22 से प्रभावशील किया गया है। उन्होंने बताया कि गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृति के मामले में राज्य सरकार कर्मचारी-अधिकारियों का आर्थिक शोषण कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में 1/1/2016 से सातवाँ वेतनमान लागू हो गया था। लेकिन कर्मचारी-अधिकारियों को आज पर्यन्त छटवे वेतनमान के मूलवेतन पर एच आर ए दिया जा रहा है।
फेडरेशन के दुर्ग संभाग संयोजक आनंदमूर्ति झा,डी इस भारद्वाज, व्ही एस राव, विपिन जैन, महेंद्र साहू,विष्णुसिंह राजपूत, यूवराज साहू, सत्येंद्र राजपूत, केआर देशमुख, डॉ बीके दास, देवेंद्र बंछोर, हरि शर्मा, मोतीराम खिलाड़ी, प्रेमनारायण साहू, नरसिंह पटेल, विजय शर्मा, प्रमोद यादव, कृष्णा कुमार यादव, सुखनंदन यादव, कृष्णा वर्मा, बाबा चौहान, मोनिका सुकतेल,
प्रतिभा श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र देशमुख, जी एस रावना, पंकज राठौड़, कुमार देशमुख, वीरेंद्र चंद्राकर, एम एम कुरैशी, सहित संगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारी-अधिकारी अब तक का सबसे बड़ा हड़ताल करेंगे। सरकारी दफ्तरों में 5 दिन कलम बंद काम बंद होगा।
जानिए, आपके सामने इस हफ्ते कैसी समस्या रहेगी
– प्रकरणों पर कार्रवाई : राजस्व मामले के प्रकरणों पर कार्रवाई भी थमी रहेगी। ऐसे कार्यालय के कर्मचारी भी हड़ताल पर शामिल हो रहे हैं। ऐसे में किसी भी तरह के आवेदन की कार्रवाई तारीख निर्धारित होने के बाद भी बाधित हो सकती है।
– जमीन की रजिस्ट्री : हड़ताल का असर जमीन की रजिस्ट्री पर भी पड़ने वाला है। कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से अपाइमेंट मिलने के बाद भी रजिस्ट्री होने की उम्मीद कम है। हालांकि विभाग काम जारी रहने का दावा कर रहे हैं।
– स्कूल व कॉलेज: स्कूल कॉलेजों में पढ़ाई पूरी तरह से बाधित रह सकती है। हड़ताल में शिक्षक और प्रोफेसर भी शामिल हो रहे हैं। इससे कक्षाओं में शिक्षक मौजूद नहीं रहेंगे। एडमिशन से लेकर चयन सूची बनाने जैसे काम काज भी प्रभावित रहेंगे।
– सामान्य कामकाज : हड़ताल की वजह से सरकारी कार्यालयों में सामान्य कामकाज भी बाधित रहेंगे। कृषि, फारेस्ट, नजूल, जनपद, शिक्षा विभाग से लेकर तमाम तरह के सरकारी दफ्तर में पूरी तरह से काम प्रभावित रहेंगे। पहले अगस्त के बाद ही स्थिति सामान्य होगी।
सामूहिक अवकाश की अर्जी लगा रहे कर्मचारी
हड़ताल में जाने के लिए कर्मचारी अधिकारी सामूहिक अवकाश की अर्जी अपने कार्यालयों में लगा रहे हैं। वहीं सभी कॉलेज के प्रोफेसर्स ने भी अवकाश पर जाने की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी है। इसके अलावा स्कूल शिक्षकों ने भी इस हड़ताल में शामिल रहने की जानकारी दी है।
खास बात यह है कि इस बार हड़ताल को पूरी मजबूती और हर सदस्य को शामिल रखने के लिए किया जा रहा है। ऐसे में संगठन पदाधिकारी कार्यालय में सेवा देने वाले अपने कर्मचारी साथियों पर भी नजर रखेंगे।
ब्लॉकों में देंगे धरना, 29 को निकलेगी महारैली
संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि 25 जुलाई से 28 जुलाई तक सभी विभाग के कर्मचारी ब्लॉक मुख्यालय में धरना देंगे। पांच दिनों तक हड़ताल में रहकर सभी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद 29 जुलाई को जिला मुख्यालय में महारैली का आयोजन किया जाएगा।
इस रैली में पूरे जिले के कर्मचारी – अधिकारी शामिल होंगे। जो अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे। संगठनों ने बताया कि करीब 30 साल बाद जिले में इस तरह का व्यापक हड़ताल होने जा रहा है।
आंकड़ों में समझिए पूरा गणित…
फेडरेशन के सचिव छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने बताया कि 1 जुलाई 2019 से 1 जुलाई 2022 तक स्वीकृत होने वाले महँगाई भत्ता को केन्द्र सरकार के समान देय तिथि से राज्य सरकार के द्वारा प्रभावशील नहीं किया गया है। जिसके कारण कर्मचारियों एवं अधिकारियों को जबरदस्त आर्थिक चपत लगी है। उन्होंने बताया कि केंद्र शासन ने 1 जनवरी 2019 के 12 % महँगाई भत्ता में 5 % वृध्दि कर 1 जुलाई 2019 से 17 % घोषित किया था। लेकिन राज्य शासन ने 1 जुलाई 2021 से महँगाई भत्ता में 5 % वृध्दि किया था। जिसके कारण 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों के मासिक वेतन में 5 % का कटौती हुआ था।
उन्होंने आगे बताया कि केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 20 का 4 %,1 जुलाई 20 का 3 % तथा 1 जनवरी 21 का 3 % कुल 11 % डी ए में वृद्धि अथार्त 17% से 28 % को 1 जुलाई 21 से प्रभावशील किया था। लेकिन राज्य सरकार ने 1 जुलाई 21 से 30 अप्रैल 22 तक वेतन में 17 % कटौती कर डी ए में 5 % का वृध्दि 1 मई 22 से किया है।उन्होंने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 34 % डी.ए मिल रहा है जबकि राज्य में डी.ए. 22 % है।जोकि 1 मई 22 से प्रभावशील किया गया है। जिसके कारण राज्य के कर्मचारी-अधिकारी के मासिक वेतन में 12 % का कटौती हो रहा है।
उन्होंने बताया कि गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृति के मामले में राज्य सरकार कर्मचारी-अधिकारियों का आर्थिक शोषण कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में 1/1/2016 से सातवाँ वेतनमान लागू हो गया था। लेकिन कर्मचारी-अधिकारियों को आज पर्यन्त छटवे वेतनमान के मूलवेतन पर 10 % एवं 7% के दर से एच आर ए दिया जा रहा है। जबकि केन्द्र में 18 % और 9% है।