भिलाई के निजी होटल के कमरा नंबर- 312 में बड़ा कांड: मुंबई के पास सांगली के व्यापारी ने की खुदकुशी… पहले नस काटा फिर पंखें से फंदे पर लटका कारोबारी; ये बड़ी वजह आई सामने

भिलाई। देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली माया नगरी मुंबई से 400 Km दूर सांगली के एक व्यापारी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 40 Km दूर दुर्ग जिले के भिलाई के निजी होटल में फांसी के फंदे पर झूल कर आत्महत्या कर ली है। शनिवार रात होटल वत्स होटल के कमरा नंबर 312 में व्यापारी की लाश पंखे पर लटकी मिली है। बताया जा रहा है कि, मृतक पिछले 20 दिनों से होटल में रुका हुआ था। बताया जा रहा है कि उस पर करोड़ों रुपए का कर्जा था। कर्ज नहीं चुका पाने के चलते वह छिपकर भिलाई में रह रहा था। जब कर्जदारों का दबाव बढ़ा तो उसने खुदकुशी कर ली। सूचना मिलते ही सुपेला थाने की पुलिस होटल पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस अब मामले की जांच में जुटी हुई है।

सुपेला पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान गोविंद तायाप्पा पवार ( 41 साल) पिता तायाप्पा पवार निवासी 1098/2 मार्केट कमेटी शेजरील, दिघंची, आटपाड़ी, सांगली महाराष्ट्र के रूप में हुई है। वो दिसंबर 2023 से भिलाई लगातार अपनी हर्बल कंपनी के काम के सिलसिले में आ रहा था। वो इस होटल में 3 मार्च 2024 से ठहरा हुआ था।‌ लगातार कर्जदारों के फोन के कारण व्यापारी ने पहले हाथ की‌ नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। जब नस काटकर आत्महत्या करने में व्यापारी असफल रहा तो उसने होटल की‌ चादर को फाड़कर पंखे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, होटल के मैनेजर आशीष बोरकर ने बताया कि, गोविंद पवार पिछले 3 मार्च से होटल के कमरा नंबर 312 में रुका हुआ था। वो समय पर पैसा देता था। शनिवार दोपहर जब गोविंद लंच के लिए कमरे से नहीं निकला तो स्टाफ उसे बुलाने गया। काफी आवाज लगाने और डोरबेल बजाने पर भी उसने कमरा नहीं खोला। इससे होटल स्टाफ को किसी अनहोनी का शक हुआ। इसके बाद होटल स्टाफ ने मास्टर चाबी से दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन अंदर से बंद होने के चलते दरवाजा नहीं खुला। घबराए स्टाफ ने फौरन सुपेला पुलिस को फोन पर इसकी सूचना दी। पुलिस होटल पहुंची और दरवाजा तोड़कर देखा तो गोविंद फंदे पर लटका हुआ था।

मिली जानकारी के अनुसार, गोविंद के दोस्त भिलाई निवासी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि गोविंद सेवन ई लाइफ हर्बल नाम की कंपनी चलाता था। वह उससे व्यापर के सिलसिले में मिलने जाता था। उसकी कंपनी में बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट करना चाहता था। शैलेंद्र ने बताया कि उसने पहले भी साल 2020 में गोविंद की कंपनी में 50 हजार रुपए लगाए थे, लेकिन उसे बड़ा इन्वेस्टर चाहिए था। शैलेंद्र ने बताया कि गोविंद के कॉल्स बहुत आते थे। जो भी फोन आता वे लोग उससे पैसे मांगते थे और गाली-गलौज करते थे। कई लोग तो पैसे ना देने पर धमकी तक देते थे। इन सबसे वो काफी परेशान था। पुलिस को भी गोविंद के कमरे से एक डायरी मिली है, जिसमें करोड़ों रुपए के कर्ज और लेनदेन का हिसाब है। पुलिस का कहना है कि इन्हीं कर्जदारों के दबाव के चलते उसने खुदकुशी की है।

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