बेजुबान पर सितम: परायगराज से ऊंट को चला कर लाया छत्तीसगढ़, घायल ऊंट पर चालक ने की क्रूरता… मनेका गांधी ने लिया संज्ञान, एनिमल वाटिका ने किया सफल रेस्क्यू

महासमुंद, रायपुर। छत्तसगढ़ के महासमुंद जिले के कृषि मंडी में एक घायल ऊंट और उसके चालक की दयनीय स्थिति ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। चालक शीतल प्रसाद प्रयागराज से उंट को चलाते हुए लाया है l ऊंट के पैर में गहरी कील गड़ गई थी और उसके जख्म गंभीर थे। गहरी चोट होने के बावजूद चालक ने उंट को रायपुर से महासमुंद चलाते हुए लाया l चालक ने ऊंट को काबू में रखने के लिए नाक में नकेल डाल रखी थी, जिससे उसे और भी पीड़ा हो रही थी। चालक के पास ऊंट के पंजीकरण से संबंधित कोई दस्तावेज मौजूद नहीं था।

पशु अस्पताल महासमुंद से सूचना मिलने पर, वाटिका एनिमल सैंक्चुरी की रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर ऊंट के इलाज की प्रक्रिया शुरू की और उसे अपने शेल्टर में लाने के प्रयास किए। महासमुंद कलेक्टर विनय लनेघ, डेप्युटी डायरेक्टर महासमुंद डॉ. अंजना नायडू, पशु चिकित्सक डॉ जड़िया, थाना प्रभारी महासमुंद शरद दुबे और एनजीओ की टीम के सहयोग से ऊंट का सफल रेस्क्यू संभव हुआ।

कानून क्या कहता है?

  1. पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की धारा 11(आ) के तहत पशुओं को मारना, पीटना या जख्मी करना अपराध है।
  2. भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी जानवर को मारता है या उसे अपंग बनाता है, तो उसे पांच साल की जेल या जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

इस घटना ने समाज में पशु संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। हम सभी से निवेदन करते हैं कि ऐसे मामलों की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें ताकि पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।