दुर्ग कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक: 3 चरणों में सुशासन तिहार-2025 का होगा आयोजन… एक महीने के अंदर प्राप्त आवेदनों का होगा निराकरण… CM और मंत्री करेंगे विकास कार्यों का औचक निरीक्षण

दुर्ग। जिले में सुशासन तिहार-2025 अंतर्गत 8 अप्रैल 2025 से नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों में नागरिकों की समस्याओं से संबंधित आवेदन लिये जाएंगे। सुशासन तिहार-2025 का उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करना, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करना तथा विकास कार्यों में गति लाने के साथ ही आम जनता, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों से सीधा संवाद स्थापित करना है। सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक आम जनता से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। दूसरे चरण में लगभग एक माह के भीतर प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। तीसरे एवं अंतिम चरण में 05 मई से 31 मई 2025 के बीच समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

कलेक्टर अभिजीत सिंह ने सुशासन तिहार को जिले में सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए आज कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने शासन की मार्गदर्शी निर्देशों से अधिकारियों को अवगत करते हुए बताया कि सुशासन तिहार-2025 के अंतर्गत 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक आम जनता से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। दूसरे चरण में लगभग एक माह के भीतर प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। तीसरे एवं अंतिम चरण में 05 मई से 31 मई 2025 के बीच समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। कलेक्टर सिंह ने कलेक्ट्रेट, जिला पंचायत, नगर निगमों, तहसील व एसडीएम कार्यालय और ग्राम पंचायतों में भी एक-एक समाधान पेटी रखने के निर्देश दिए है, ताकि जो आवेदक प्रत्यक्ष रूप से अपना आवेदन न दे सके वे समाधान पेटी के माध्यम से अपनी समस्या बता सके। उन्होंने कहा कि जनपद, जिला पंचायत एवं कलेक्ट्रेट में इस अभियान के तहत् ऑपरेटर की भी ड्यूटी लगाई जाए एवं अभियान के बारे में उन्हे प्रशिक्षण दिया जाए। इसी प्रकार कलेक्ट्रेट एवं जिला पंचायत हेतु एक-एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाए, जो प्राप्त आवेदनों को अवलोकन पश्चात् संबंधित विभागों को निराकरण हेतु मार्क करेंगे। प्राप्त आवेदनों का निराकरण एक माह के भीतर सुनिश्चित कर समाधान शिविरों में सभी विभागों द्वारा निराकृत आवेदनों की ग्राम पंचायतवार स्थिति बताई जा सके। उन्होंने राजस्व पटवारियों को भी ग्राम पंचायतवार जिम्मेदारी सौंपने की बात कही। यह सुनिश्चित किया जाए कि आवेदकों से प्राप्त उनका मोबाइल नंबर उल्लेखित हो।

कलेक्टर सिंह ने जन दर्शन के दौरान विभागों को पूर्व में प्राप्त पत्रों का पहले निराकरण करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार राजस्व के लंबित प्रकरण, आंगनबाड़ी केंन्द्रों में भर्ती प्रक्रिया, पेंशन प्रकरण, निर्माण कार्योें के लंबित मजदूरी भुगतान का भी त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। अभियान के पहले चरण में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों में सभी विभाग से संबंधित आवेदन जमा लिये जाएंगे। ग्राम पंचायत मुख्यालयों और नगरीय निकाय कार्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक जनता से उनकी समस्याओं के संबंध में आवेदन लिए जाएंगे। आवेदकों को आवेदन पत्र में मोबाइल नंबर का आवश्यक रूप से उल्लेख करना होगा। ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने हेतु कॉमन सर्विस सेंटर का भी उपयोग किया जा सकता है। प्रत्येक आवेदन को एक कोड देने की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। निर्धारित प्रारूप में खाली आवेदन पत्र (ग्रामवार/नगरीय निकायवार कोड सहित) प्रिन्ट कराकर ग्रामीणों को उपलब्ध कराये जा सकते हैं। प्रत्येक आवेदन को पोर्टल में पंजीकृत कर ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा। साथ ही, आवेदनकर्ता को पावती दी जाएगी। सभी प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा और संबंधित जिला/जनपद/नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजा जाएगा। संबंधित विभाग/अधिकारी लगभग एक माह में इन आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित करेंगे।

05 मई से 31 मई 2025 के दौरान प्रत्येक 08 से 15 पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आवेदकों को उनके आवेदनों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार समाधान शिविर आयोजित होंगे। शिविरों के आयोजन की तिथि की जानकारी आवेदकों को एस.एम.एस. के माध्यम से तथा आवेदन की पावती के माध्यम से दी जाएगी। इन शिविरों में प्राप्त आवेदनों की प्रविष्टि भी पोर्टल में की जाएगी तथा जिन आवेदनों का निराकरण शिविर में ही करना सम्भव हो, किया जाएगा। शेष आवेदनों का समाधान एक माह में कर आवेदकों को सूचित किया जाएगा। इसके अलावा शिविरों में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन पत्र/प्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक शिविर के लिए एक खंडस्तरीय अधिकारी को प्रभारी बनाया जाएगा, जो शिविर के समुचित संचालन को सुनिश्चित करेंगे। समाधान शिविरों में विकासखंड एवं अनुभाग स्तर के सभी अधिकारी उपस्थित रहेंगे, जिला स्तर से भी कुछ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी तरह की व्यवस्था नगरीय निकायों के शिविरों में भी की जाएगी। इनमें से कुछ शिविरों में मुख्यमंत्री, मंत्रीगण एवं राज्य शासन के अधिकारी भी शामिल होंगे तथा आवेदकों से भेंटकर उनकी समस्याओं और निराकरण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। बैठक में एडीएम अरविन्द एक्का, जिला पंचायत के सीईओ बी.के. दुबे, दुर्ग नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल, भिलाई नगर निगम आयुक्त राजीव पाण्डेय, चरोदा नगर निगम आयुक्त डी. राजपूत, अपर कलेक्टर वीरेन्द्र सिंह, सभी एसडीएम एवं समस्त विभाग के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

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