रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजनैतिक इतिहास के लिए 25 मई 2013 की तारीख छत्तीसगढ़ और देश के लिए एक बहुत बड़ा काला दिन था। इस दिन नक्सलियों ने झीरम घाटी में कांग्रेस के तीस से ज्यादा लोग मारे थे। रविवार को इसकी झीरम हमले की 12वीं बरसी पर कांग्रेस ने शहादत दिवस मनाया। इस अवसर पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मामले की केंद्र सरकार ने ठीक से जांच नहीं कराई।

मीडिया से चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम घाटी की इस त्रासदी को आज 12 साल पूरे हो गए हैं। “हमने अपनी पार्टी के सबसे अनुभवी, समर्पित और जमीनी नेताओं को खोया। आज उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए एक बार फिर दर्द ताजा हो गया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि “केंद्र सरकार ने मामले की जांच ठीक ढंग से नहीं कराई। जिन लोगों ने आत्मसमर्पण किया था, उनसे कोर्ट के आदेश के बावजूद पूछताछ तक नहीं हुई। यह एनआईए की लापरवाही को दिखाता है।”

एनआईए जांच पर सवाल, मोदी सरकार पर निशाना
भूपेश बघेल ने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में चुनावी मंच से कहा था कि छह महीने के भीतर सबको जेल में डालेंगे। लेकिन 10 साल हो गए और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।” उन्होंने यह भी कहा कि “जब राज्य में हमारी सरकार थी, हमने केंद्र से मामले की स्वतंत्र जांच की अनुमति मांगी थी, लेकिन हमें जांच की अनुमति नहीं दी गई। आजकल एजेंसियां केवल राजनीतिक विरोधियों पर कार्रवाई करने में व्यस्त हैं।”

कांग्रेस नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
झीरम घाटी हमला 25 मई 2013 को हुआ था, जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा, विधायक उदय मुदलियार समेत कई नेता मारे गए थे। इस दर्दनाक घटना की याद में कांग्रेस हर साल 25 मई को शहादत दिवस मनाती है। इस बार भी कांग्रेस कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई, जहां पार्टी नेताओं ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को याद किया।